Monday, April 28, 2025
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खुद का बिजनेस चाहते हैं तो बेहतरीन है ये काम, बजट भी कम और सरकार भी करेगी सहयोग

नेशनल ब्रेकिंग. यदि आप कम बजट में अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, जिसमें मुनाफा भी अच्छा हो, तो प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2008 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करती है।

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पास कम से कम डी फार्म या बी फार्म की डिग्री होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास यह डिग्री नहीं है, तो उसे किसी ऐसे व्यक्ति को नौकरी पर रखना होगा या साझेदारी में काम करना होगा, जिसके पास यह डिग्री हो। इस आवेदन में डिग्री का प्रमाण पत्र देना जरूरी होता है।

इसके अलावा, सरकारी अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर भी इस बिजनेस की शुरुआत की जा सकती है, और चैरिटेबल संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

जन औषधि केंद्र से मुनाफा कैसे होगा?

सरकार जन औषधि केंद्र खोलने वालों को दबाव की बिक्री पर 20% का मार्जिन देती है। इसका मतलब है कि यदि कोई दवा 100 रुपये की है, तो 20 रुपये का लाभ प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार, यह बिजनेस एक स्थिर मुनाफा सुनिश्चित करता है।

सरकार देती है अतिरिक्त इंसेंटिव

यदि कोई महिला एंटरप्रेन्योर, दिव्यांगजन, एसटी एससी एंटरप्रेन्योर या एक्स सर्विसमैन जन औषधि केंद्र खोलते हैं, तो उन्हें सरकार से 2 लाख रुपये का अतिरिक्त इंसेंटिव मिलता है। इसमें से 1.5 लाख रुपये फर्नीचर और फिक्सचर के लिए और 50,000 रुपये प्रिंटर, इंटरनेट और कंप्यूटर जैसी सुविधाओं के लिए दिए जाते हैं।

सरकार क्यों दे रही है इस योजना को बढ़ावा?

सरकार इस योजना को बढ़ावा देती है ताकि लोगों में जेनेरिक दवाइयों के प्रति जागरूकता बढ़े और यह धारणा बने कि महंगी दवाइयां ही गुणवत्ता वाली नहीं होतीं। इसके साथ ही, सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों से यह प्रयास किया जा रहा है कि वे अधिक से अधिक जेनेरिक दवाइयां प्रिस्क्राइब करें, ताकि लोग सस्ते दरों पर अच्छी दवाइयां पा सकें।

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