नेशनल ब्रेकिंग. केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से मसूर दाल पर 10 प्रतिशत शुल्क लागू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को मई के अंत तक तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू दाल उत्पादन को बढ़ावा देना और महंगाई को नियंत्रित रखना है।
मसूर दाल पर 10% आयात शुल्क
सरकार ने शनिवार से मसूर दाल पर 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क और 5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) लागू करने की घोषणा की है। यह कदम घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने और दालों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए लिया गया है।
पीली मटर के आयात में छूट
सरकार ने पहले पीली मटर के आयात पर शुल्क मुक्त छूट दी थी, जो अब मई 2024 तक बढ़ा दी गई है। यह निर्णय चने के घरेलू उत्पादन में कमी के कारण लिया गया था। सरकार की यह नीति कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करती है, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दालें मिल सकें।
दालों का आयात और पीएम-आशा योजना
2024 में भारत ने लगभग 67 लाख टन दालों का आयात किया, जिसमें पीली मटर का आयात 30 लाख टन था। केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के दौरान पीएम-आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है, जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दालों की खरीद की जा रही है।तुअर की 13.22 लाख मीट्रिक टन खरीद
सरकार ने 2024-25 के खरीफ सीजन के लिए 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी है। यह खरीद नैफेड और एनसीसीएफ जैसे केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जाएगी, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य दिलाना है।