नेशनल ब्रेकिंग: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में एक और बाघ की मौत ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है। हाल ही में भदलाव वन क्षेत्र में बाघिन टी-125 के शावक का शव मिला है। वन विभाग ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जिससे मौत के कारणों का पता चल सके।
रणथंभौर में बाघों की लगातार घटती संख्या चिंता का विषय
रणथंभौर नेशनल पार्क अपने बाघों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन बीते दो वर्षों में यहां बाघों की संख्या तेजी से घट रही है। वर्ष 2023 और 2024 में अब तक कुल 17 बाघों की मौत हो चुकी है। इनमें से अधिकतर मौतें बाघों के आपसी संघर्ष (टेरिटोरियल फाइट) के कारण हुई हैं।
संरक्षण प्रयासों पर उठ रहे सवाल
बाघों की लगातार हो रही मौतें वन विभाग की कार्यप्रणाली और संरक्षण नीतियों पर सवाल खड़े कर रही हैं। वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं कि आखिर रणथंभौर में बाघों की मौतों का सिलसिला कब रुकेगा।
क्या कहता है वन विभाग?
उपवन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक बाघ परियोजना रणथंभौर, डॉ. रामानंद भाकर के अनुसार, “गश्त के दौरान दो दिन पहले बाघिन टी-125 अपने शावकों के साथ देखी गई थी। शनिवार रात को नर बाघ टी-2311 के कैमरा ट्रैप में तस्वीरें कैद हुई हैं। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि शावक की मौत किसी अन्य बाघ के हमले से हुई है।”
राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है। हाल ही में बाघिन टी-125 के शावक का शव मिला, जिससे बीते दो सालों में मरने वाले बाघों की संख्या 17 हो गई है। वन विभाग ने इसे टेरिटोरियल फाइट का परिणाम बताया है, लेकिन वन्यजीव संरक्षण के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।