नेशनल ब्रेकिंग. भारतीय निवेशकों में बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में उनकी भागीदारी में कमी आई है। डेटा के अनुसार, जनवरी महीने में 5.14 लाख SIP बंद हो गए हैं। हालांकि, बेंचमार्क सूचकांकों में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP को एक स्थिर और अनुशासित निवेश रणनीति माना जाता है। यह निवेशकों को नियमित रूप से इक्विटी और लोन बाजारों में निवेश करने का अवसर देता है।
क्या SIP बंद करना चाहिए?
निफ्टी और सेंसेक्स जैसे बेंचमार्क सूचकांकों में हाल के उच्चतम स्तर से भारी गिरावट आई है। इस स्थिति में निवेशकों के मन में सवाल उठ सकता है कि क्या उन्हें अपनी SIP को बंद कर देना चाहिए? विशेषज्ञों का कहना है कि SIP एक दीर्घकालिक निवेश रणनीति है, जिसे निवेशकों को जारी रखना चाहिए। यह एक अनुशासित निवेश तरीका है, जो लंबे समय में अच्छी संपत्ति सृजन में मदद करता है।
SIP के लाभ और प्रदर्शन
SIP का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें समय के साथ अपने निवेश की मात्रा में वृद्धि होती है। यह तरीका निवेशकों को मार्केट टाइमिंग की चिंता से बचाता है और उन्हें एक सुसंगत निवेश प्रोफाइल बनाने का अवसर देता है।
एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड का उदाहरण
एक उदाहरण के रूप में, एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड एक मजबूत प्रदर्शन करने वाला म्यूचुअल फंड है, जिसने अपनी स्थापना के बाद 13.33 फीसदी के वार्षिक रिटर्न के साथ 32 साल पूरे किए। यदि इस फंड में 1993 में 10,000 रुपये की SIP शुरू की जाती, तो अब तक यह राशि 6.75 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती। इसने 36.2 लाख रुपये के निवेश पर 15.71% का रिटर्न दिया है।
इसके अलावा, एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड ने निफ्टी लार्ज मिडकैप 250 टीआरआई के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया है। इसके परिणामस्वरूप यह फंड काफी लोकप्रिय है, और वर्तमान में इसका एयूएम 1.55 करोड़ रुपये है।