नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ 2019 में सरकारी संपत्ति को विरुपित करने के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। एडिशनल सेशंस जज नेहा मित्तल ने शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना की अर्जी पर यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 18 मार्च तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
केजरीवाल के अलावा दो अन्य नेताओं पर भी मामला दर्ज
इस मामले में केवल अरविंद केजरीवाल ही नहीं, बल्कि पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की तत्कालीन पार्षद निकिता शर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने अदालत में उन बड़े-बड़े बैनरों को पेश किया, जिनमें इन नेताओं के नाम थे। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति पर ऐसे अवैध होर्डिंग्स लगाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यातायात को बाधित कर जनता के लिए खतरा भी बनता है।
अवैध होर्डिंग्स से बढ़ता खतरा, कोर्ट ने जताई चिंता
कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि देशभर में अवैध होर्डिंग्स के गिरने से कई बार दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें लोगों की जान भी गई है। इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह दिल्ली प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज करे।
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पर कोर्ट की नाराजगी
दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जांच के दौरान कोई भी होर्डिंग मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे कार्रवाई संभव नहीं हो सकी। कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि वह उन एजेंसियों और व्यक्तियों का पता लगाए जिन्होंने ये होर्डिंग्स लगाए थे, ताकि मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।
2019 की शिकायत अब बनी कानूनी चुनौती
यह मामला 2019 में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका इलाके से जुड़ा है, जहां कई स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए गए थे। शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने इसी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। अब जब कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है, तो यह देखना होगा कि पुलिस की अगली कार्रवाई क्या होगी और क्या अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।