हरियाणा में हुए नगर निगम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 10 में से 9 निगमों में जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कांग्रेस किसी भी निगम में खाता नहीं खोल पाई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ रोहतक भी भाजपा के हाथ लग गया, जबकि सिरसा नगर परिषद में भी भाजपा का चेयरमैन बना। मानेसर में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव ने भाजपा को हराकर मेयर पद पर कब्जा जमाया।
कांग्रेस को बड़ा झटका, हुड्डा-सैलजा भी नहीं बचा सके गढ़
कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक साबित हुआ। पार्टी को रोहतक, करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में करारी हार मिली। सिरसा से कांग्रेस की कुमारी सैलजा सांसद हैं, लेकिन वहां भी भाजपा का कब्जा हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माने जाने वाला रोहतक भी कांग्रेस नहीं बचा पाई।
मानेसर में निर्दलीय की जीत, भाजपा को बड़ा झटका
मानेसर नगर निगम में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव ने भाजपा उम्मीदवार सुंदर लाल को हरा दिया। दिलचस्प बात यह रही कि इंद्रजीत यादव ने खुद को केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम के भाजपा सांसद राव इंद्रजीत का करीबी बताकर प्रचार किया था। इससे भाजपा के अंदर भी मतभेद खुलकर सामने आए।
कौन कहां जीता? यहां देखें मेयर चुनाव के नतीजे
हरियाणा मेयर चुनाव परिणाम
दिग्गज नेताओं के गढ़ में कैसा रहा रिजल्ट?
- मुख्यमंत्री नायब सैनी के गृह जिले कुरुक्षेत्र में थानेसर नगर परिषद भाजपा ने जीती।
- पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के गढ़ रोहतक में कांग्रेस हार गई।
- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के संसदीय क्षेत्र करनाल में भाजपा ने लगातार तीसरी बार मेयर पद पर जीत दर्ज की।
- केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के संसदीय क्षेत्र फरीदाबाद में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की।
- गुरुग्राम में भाजपा मेयर चुनाव जीतने में सफल रही, लेकिन मानेसर में उसे हार का सामना करना पड़ा।
- कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के संसदीय क्षेत्र सिरसा में भी भाजपा ने जीत दर्ज की।
महिलाओं का दबदबा, 10 में से 7 मेयर बनीं महिलाएं
हरियाणा के इन नगर निगम चुनावों में महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 10 में से 7 नगर निगमों में महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। गुरुग्राम में राजरानी, यमुनानगर में सुमन बहमनी, पानीपत में कोमल सैनी, फरीदाबाद में प्रवीन जोशी, मानेसर में डॉ. इंद्रजीत, अंबाला में सैलजा सचदेवा और करनाल में रेणु बाला विजयी रहीं।
क्या संकेत दे रहे हैं ये नतीजे?
हरियाणा में भाजपा की यह बड़ी जीत 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत संकेत दे रही है। कांग्रेस के लिए यह चिंता का विषय है कि वह राज्य में लगातार कमजोर होती जा रही है। वहीं, निर्दलीयों की बढ़ती संख्या दिखाती है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा को भी चुनौती मिल रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इस हार के बाद अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है और भाजपा इस जीत को आगामी चुनावों में कैसे भुनाती है।

- हरियाणा नगर निगम चुनावों में बीजेपी का दबदबा – 10 में से 9 निगमों पर BJP ने जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई।
- मानेसर में निर्दलीय की जीत – मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत यादव ने BJP प्रत्याशी सुंदर लाल को हराया, जिससे राजनीतिक समीकरण बदले।
- दिग्गज नेताओं के गढ़ में झटका – पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के क्षेत्रों में भी बीजेपी ने जीत हासिल की।
- 7 महिला मेयर बनीं – करनाल, अंबाला, फरीदाबाद समेत 7 नगर निगमों में महिलाएं मेयर चुनी गईं, जो राजनीति में महिला भागीदारी को दर्शाता है।
- भविष्य की राजनीतिक दिशा – इस जीत से हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए BJP को मजबूती मिली, जबकि कांग्रेस को रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।