नेशनल ब्रेकिंग: देश में खुदरा महंगाई दर (CPI) फरवरी 2025 में घटकर 3.61% पर आ गई है, जो पिछले 7 महीनों का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले जुलाई 2024 में यह 3.54% थी, जबकि जनवरी 2025 में महंगाई दर 4.31% दर्ज की गई थी। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 12 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से महंगाई दर में यह कमी आई है।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई घटी, शहरी-ग्रामीण दर में सुधार
खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 5.97% से घटकर 3.75% हो गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर 4.59% से घटकर 3.79%, जबकि शहरी इलाकों में 3.87% से घटकर 3.32% हो गई है।
सब्जियों की कीमतों में गिरावट, जून तक जारी रह सकती है राहत
बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रमुख अर्थशास्त्री मदन सबनवीस का कहना है कि सब्जियों के दाम में गिरावट मुख्य रूप से टमाटर और आलू के कम हुए भावों के कारण आई है। उन्होंने अनुमान लगाया कि यह राहत जून 2025 तक बनी रह सकती है।
🥦 सब्जियों और दालों की कीमत में गिरावट 📉
फरवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी देखी गई, जिससे महंगाई दर घटी।
सामान | 📅 जनवरी (%) | 📅 फरवरी (%) |
---|---|---|
🌾 अनाज | 6.24% | 6.10% |
🐟 मांस और मछली | 5.25% | 2.11% |
🥛 दूध | 2.85% | 2.68% |
🛢️ खाने का तेल | 15.64% | 16.36% |
🍎 फल | 12.22% | 14.82% |
🥕 सब्जी | 11.35% | -1.07% |
🌿 दालें | 2.59% | -0.35% |
🧂 मसाले | -6.85% | -5.85% |
🥤 सॉफ्ट ड्रिंक्स | 3.39% | 3.73% |
🚬 पान, तंबाकू | 2.30% | 2.39% |
👕 कपड़े, फुटवियर | 2.68% | 2.68% |
💡 निष्कर्ष: सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट से आम जनता को राहत मिली है, जबकि कुछ खाद्य पदार्थों में हल्की वृद्धि हुई है।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है आम जनता को?
महंगाई सीधे तौर पर खरीद क्षमता (Purchasing Power) को प्रभावित करती है। यदि महंगाई दर 6% है, तो 100 रुपये का मूल्य घटकर 94 रुपये के बराबर हो जाता है। इसलिए बचत और निवेश करते समय महंगाई दर को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
महंगाई क्यों बढ़ती और घटती है?
महंगाई का स्तर मुख्य रूप से मांग और आपूर्ति (Demand & Supply) पर निर्भर करता है। जब लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे होते हैं, तो वस्तुओं की डिमांड बढ़ती है और सप्लाई कम होने पर कीमतें बढ़ जाती हैं। वहीं, जब सप्लाई अधिक और डिमांड कम होती है, तो महंगाई दर गिर जाती है।
CPI तय करता है महंगाई का स्तर
रिटेल महंगाई दर को कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के जरिए मापा जाता है। CPI उन वस्तुओं और सेवाओं के औसत मूल्य को दर्शाता है, जो आम लोग रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग करते हैं। कच्चे तेल, अनाज, सब्जियां, कमोडिटी, और मैन्युफैक्चरिंग लागत जैसी चीजें CPI का निर्धारण करती हैं।
सरकार और रिजर्व बैंक लगातार महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए वित्तीय नीतियों पर काम कर रहे हैं। अगर महंगाई दर इसी तरह घटती रही, तो आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं।

- 7 महीने में सबसे कम महंगाई: फरवरी 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.61% पर आ गई, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे कम है।
- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट: सब्जियों और दालों के दाम में कमी के कारण खाने-पीने की चीजों की महंगाई 5.97% से गिरकर 3.75% हो गई।
- ग्रामीण और शहरी महंगाई घटी: ग्रामीण महंगाई 4.59% से 3.79%, जबकि शहरी महंगाई 3.87% से 3.32% हो गई।
- सब्जियों के दाम स्थिर रह सकते हैं: विशेषज्ञों का कहना है कि सब्जियों की कीमतें जून 2025 तक स्थिर रह सकती हैं, जिससे महंगाई नियंत्रण में रहेगी।
- CPI तय करता है महंगाई दर: महंगाई दर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित होती है, जो रोजमर्रा के सामानों की कीमतों में बदलाव को दर्शाती है।