नेशनल ब्रेकिंग. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक महीने पहले हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद केंद्र सरकार ने इस घटना पर संसद में बड़ा खुलासा किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि 15 फरवरी 2025 को औसतन बिकने वाली सामान्य टिकटों की तुलना में 13,000 अधिक टिकटें बेची गईं।
15 फरवरी को सामान्य से अधिक टिकट बिक्री, 18 लोगों की मौत
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टीएमसी सांसद माला रॉय के सवालों का लिखित जवाब देते हुए बताया कि पिछले छह महीनों में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन औसतन 36,000 जनरल टिकटें बेची जाती थीं। लेकिन 15 फरवरी को यह संख्या बढ़कर 49,000 पहुंच गई, जो औसत से 13,000 अधिक थी। इसी दिन अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ मची और 18 लोगों की जान चली गई।
रेलवे ने चलाईं 5 स्पेशल ट्रेनें, लेकिन हादसा नहीं टला
रेल मंत्री ने बताया कि अतिरिक्त भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ने 5 कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाईं। प्रत्येक ट्रेन में 3,000 यात्रियों के बैठने की क्षमता थी, जिससे कुल 15,000 यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की गई। लेकिन इतनी व्यवस्था के बावजूद स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और हादसा हो गया।
रेलवे अधिकारियों पर गिरी गाज, कई अफसर हटाए गए
इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने दिल्ली डिविजनल मैनेजर, एडिशनल डिविजनल मैनेजर, स्टेशन डायरेक्टर और सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर को उनके पद से हटा दिया। सरकार ने बताया कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टीएमसी सांसद ने सरकार से पूछे सवाल
टीएमसी सांसद माला रॉय ने सरकार से पूछा था कि क्या 15 फरवरी को टिकटों की बिक्री असामान्य रूप से अधिक थी? अगर हां, तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए गए थे? जवाब में सरकार ने बताया कि जनरल टिकटें सिर्फ रेलवे स्टेशनों से ही नहीं, बल्कि अन्य काउंटरों और ऑनलाइन भी खरीदी जाती हैं।
अभी जारी है जांच, रेलवे पर उठ रहे सवाल
रेलवे का कहना है कि भले ही अतिरिक्त टिकटें बिकीं, लेकिन 5 विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की गई थी, जिससे अतिरिक्त यात्रियों को संभाला जा सके। लेकिन सवाल उठ रहा है कि अगर तैयारी पूरी थी, तो हादसा कैसे हुआ? क्या भीड़ प्रबंधन में चूक हुई या फिर रेलवे की रणनीति ही गलत थी।