राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव की अध्यक्षता वाली स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति ने केंद्र सरकार को यह अहम सिफारिशें दी हैं। समिति का मानना है कि इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों तक पहुंचना चाहिए।
पिछले साल 11 सितंबर को केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का विस्तार कर AB-PMJAY वय वंदना योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत 4.5 करोड़ परिवारों के 70 वर्ष से अधिक आयु के करीब 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को कवर किया गया।
दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ बीमा योजना
आयुष्मान भारत योजना को 2017 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत शुरू किया गया था। यह योजना देश के सबसे गरीब 40% आबादी को हर साल 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देती है।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों ने इस योजना को लागू करने से इनकार किया और अपनी अलग स्वास्थ्य योजनाएं चला रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती से पहले और बाद के खर्च भी कवर
इस योजना के तहत मरीजों को देशभर के चुनिंदा सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है। इसमें भर्ती होने से 10 दिन पहले और 10 दिन बाद तक के इलाज का खर्च भी योजना में शामिल है।
किन बीमारियों का इलाज होता है?
- आयुष्मान योजना के तहत पुरानी बीमारियां भी कवर होती हैं।
- ऑपरेशन, मेडिकल जांच, दवाइयां, ट्रांसपोर्ट खर्च भी योजना में शामिल हैं।
- अब तक 5.5 करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना के तहत इलाज करवा चुके हैं।
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो यह गरीबों और बुजुर्गों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।

- राज्यसभा समिति की सिफारिश: केंद्र सरकार को सलाह दी गई कि आयुष्मान भारत योजना की उम्र सीमा 70 से घटाकर 60 साल और इलाज की सीमा ₹10 लाख की जाए।
- योजना में शामिल लोग: वर्तमान में 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलता है, जिसे अब और व्यापक बनाने की तैयारी है।
- स्वास्थ्य सुविधा का विस्तार: केंद्र सरकार ने AB-PMJAY वय वंदना योजना के तहत 4.5 करोड़ परिवारों को कवर करने की घोषणा की थी, जिससे 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हुए।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति: यह योजना 2017 में शुरू की गई थी, जो देश के 40% गरीब परिवारों को सालाना ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज देती है।
- भविष्य की योजना: अगर यह सिफारिशें लागू होती हैं, तो लाखों वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा।