जमीन के बदले नौकरी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच तेज कर दी है। मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव से पटना स्थित ईडी के जोनल कार्यालय में लंबी पूछताछ हुई। राबड़ी सुबह 10:30 बजे पहुंचीं, जबकि तेजप्रताप दोपहर 12 बजे पूछताछ के लिए पहुंचे।
आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि दोनों नेताओं ने जांच एजेंसी के सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। अब बुधवार को ईडी ने आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव को तलब किया है। उन्हें सुबह 10 बजे पेश होना होगा।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?
लालू यादव पर आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच जब वे केंद्र में रेल मंत्री थे, तब रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों की जमीन अपने परिवार या करीबियों के नाम करवाई गई। ईडी की चार्जशीट में 7 स्थानों पर लालू परिवार की अवैध संपत्ति का जिक्र किया गया है। इस घोटाले में लालू परिवार पर करीब 600 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
सीबीआई ने 2022 में दर्ज किया था मामला
18 मई 2022 को सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद 20 मई 2022 को बिहार और दिल्ली समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। जुलाई 2022 में लालू यादव के करीबी भोला यादव और हृद्यानंद चौधरी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 2022 में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी बेटी मीसा भारती और 14 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
2024 में ईडी की कार्रवाई हुई तेज
जनवरी 2024 से ईडी ने इस मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ाया। 27 जनवरी 2024 को राबड़ी देवी, मीसा भारती और हृद्यानंद चौधरी को आरोपी बनाते हुए समन जारी किया गया। तेजस्वी यादव से भी पूछताछ हुई। सितंबर 2024 में सीबीआई को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिली और 27 सितंबर 2024 को ईडी ने अपनी चार्जशीट में लालू यादव को ‘मुख्य साजिशकर्ता’ करार दिया।
हालांकि, अक्टूबर 2024 में लालू, तेजस्वी और 9 अन्य आरोपियों को जमानत मिल गई थी। 11 मार्च 2025 को तेजप्रताप यादव और हेमा यादव समेत अन्य आरोपियों को भी बेल दे दी गई।

- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू यादव को आज जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया।
- इससे पहले मंगलवार को राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव से पटना में घंटों पूछताछ हुई।
- 2004-2009 के बीच रेलवे भर्ती घोटाले में लालू परिवार पर 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।
- 2022 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया, और सितंबर 2024 में ईडी ने लालू को मुख्य साजिशकर्ता बताया।
- अदालत ने अक्टूबर 2024 में तेजस्वी और लालू समेत 9 आरोपियों को जमानत दी, लेकिन जांच जारी है।