भारत सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए UPI इंसेंटिव स्कीम को एक और साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले के तहत, सरकार 1500 करोड़ रुपये खर्च करेगी ताकि छोटे दुकानदारों को डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यह स्कीम अब 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए बताया कि RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI के जरिए 2000 रुपये तक के पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन पर 0.15% यानी 3 रुपये तक का इंसेंटिव छोटे दुकानदारों को मिलेगा। इससे न केवल डिजिटल लेनदेन बढ़ेगा, बल्कि छोटे व्यापारियों को भी नकदी रहित लेनदेन से सीधे आर्थिक लाभ होगा।
कैसे मिलेगा दुकानदारों को इंसेंटिव?
सरकार का यह कदम छोटे और मध्यम व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई ग्राहक 2000 रुपये का सामान खरीदता है और UPI के माध्यम से भुगतान करता है, तो उस पर दुकानदार को 3 रुपये का इंसेंटिव मिलेगा।
- यह इंसेंटिव सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
- बैंकों को भी इंसेंटिव मिलेगा ताकि वे डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बेहतर बना सकें।
- सरकार द्वारा दी गई राशि का 80% हिस्सा बैंकों को तुरंत मिलेगा, जबकि 20% राशि तभी दी जाएगी जब बैंक की तकनीकी दक्षता 99.5% से अधिक होगी और तकनीकी खराबी 0.75% से कम होगी।
UPI को बढ़ावा देने का सरकार का बड़ा लक्ष्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य फिसिकल कैश पर निर्भरता कम करना और डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार का लक्ष्य 20,000 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन पूरा करना है।
इससे पहले, सरकार ने RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) को शून्य कर दिया था। अब, नई इंसेंटिव स्कीम से छोटे व्यापारियों को डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने के लिए और अधिक प्रेरित किया जाएगा।
UPI पेमेंट क्यों जरूरी है?
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। यह तेजी, सुरक्षा और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है, जिससे छोटे व्यापारियों को नकद लेनदेन की तुलना में अधिक लाभ होता है।
सरकार के अनुसार, UPI सिस्टम से लेनदेन करना व्यापारियों और ग्राहकों दोनों के लिए आसान और सुरक्षित है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के भुगतान सीधे बैंक खाते में जमा हो जाता है।
UPI को कौन ऑपरेट करता है?
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का संचालन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा किया जाता है, जबकि UPI, IMPS और RuPay डेबिट कार्ड जैसी सेवाओं का संचालन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अंतर्गत आता है।
सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन पर जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क लागू किया था। इसका मतलब है कि व्यापारियों और ग्राहकों को किसी भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ता।
UPI से डिजिटल लेनदेन कैसे करें?
UPI से भुगतान करने के लिए, उपयोगकर्ताओं को केवल एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) तैयार करना होता है और इसे बैंक खाते से लिंक करना होता है। इससे ग्राहक को बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड या अन्य बैंकिंग डिटेल याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती।
- फंड ट्रांसफर के लिए केवल UPI ID (मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी या आधार नंबर) की जरूरत होती है।
- UPI के जरिए 24×7 रियल-टाइम मनी ट्रांसफर संभव है।
- क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जरूरत नहीं होती, केवल मोबाइल नंबर से भुगतान किया जा सकता है।
- ऑनलाइन शॉपिंग, बिल पेमेंट और मर्चेंट ट्रांजैक्शन के लिए OTP, CVV कोड, कार्ड नंबर आदि की जरूरत नहीं पड़ती।
क्या होगा UPI इंसेंटिव स्कीम का प्रभाव?
- छोटे व्यापारियों को सीधा लाभ: नकद भुगतान की जगह डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता मिलेगी, जिससे छोटे दुकानदारों की आय में वृद्धि होगी।
- RuPay और BHIM-UPI को बढ़ावा: वीजा और मास्टरकार्ड जैसी विदेशी भुगतान सेवाओं पर निर्भरता घटेगी।
- बैंकों की डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार: बैंकों को दिए गए इंसेंटिव से डिजिटल पेमेंट सिस्टम और मजबूत होगा।
- ग्राहकों को कैशलेस ट्रांजैक्शन की सुविधा: डिजिटल भुगतान से नकद रखने की जरूरत कम होगी और लेनदेन अधिक सुरक्षित होंगे।
- 20,000 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन का लक्ष्य: सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल पेमेंट से जोड़ना है।
UPI इंसेंटिव स्कीम के विस्तार से भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन को और मजबूती मिलेगी। छोटे दुकानदारों को इससे सीधा लाभ होगा और वे डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए अधिक प्रेरित होंगे। सरकार का यह कदम कैशलेस इकोनॉमी को मजबूत करने के साथ-साथ, घरेलू भुगतान नेटवर्क RuPay और BHIM-UPI को बढ़ावा देगा।

✅ UPI इंसेंटिव स्कीम को 31 मार्च 2026 तक बढ़ाया गया, जिससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
✅ ₹1,500 करोड़ का बजट मंजूर, जिससे छोटे दुकानदारों को प्रति ₹2,000 ट्रांजैक्शन पर ₹3 का लाभ मिलेगा।
✅ RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता, जिससे भारतीय डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी।
✅ 20,000 करोड़ UPI ट्रांजैक्शन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में पूरा करने की योजना।
✅ बैंकों को भी इंसेंटिव मिलेगा, तकनीकी अपटाइम और लेन-देन की दक्षता को बढ़ावा देने के लिए।