साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
30 मार्च से चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत
सूर्य ग्रहण के अगले ही दिन 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। यही दिन हिंदू नववर्ष और गुड़ी पड़वा पर्व के रूप में भी मनाया जाएगा। नवरात्रि की घटस्थापना को लेकर भक्तों में असमंजस था, लेकिन चूंकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि की घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 06:13 बजे से 10:22 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, जो भक्त अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहते हैं, वे दोपहर 12:01 बजे से 12:50 बजे तक इसे संपन्न कर सकते हैं।
धार्मिक महत्व और सामाजिक प्रभाव
चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा की साधना और आध्यात्मिक उन्नति का विशेष समय होता है। इस दौरान, भक्त उपवास रखते हैं और शक्ति उपासना में लीन रहते हैं। इस बार नवरात्रि की शुरुआत सूर्य ग्रहण के ठीक बाद हो रही है, लेकिन इसका धार्मिक अनुष्ठानों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गुड़ी पड़वा और हिंदू नववर्ष
30 मार्च को महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों में गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा, जो नए वर्ष के स्वागत का प्रतीक है। इस दिन नए संकल्प लिए जाते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। सूर्य ग्रहण को लेकर फैली भ्रांतियों के बावजूद नवरात्रि की घटस्थापना निर्धारित मुहूर्त में की जा सकती है।

- सूर्य ग्रहण 2025: पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:16 बजे तक रहेगा, लेकिन भारत में दृश्य नहीं होगा।
- सूतक प्रभाव: ग्रहण भारत में दिखाई न देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा, जिससे नवरात्रि पूजा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
- चैत्र नवरात्रि और नववर्ष: 30 मार्च 2025 से नवरात्रि और हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा भी इसी दिन मनाया जाएगा।
- कलश स्थापना का मुहूर्त: शुभ मुहूर्त सुबह 06:13 से 10:22 बजे तक रहेगा, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक होगा।
- धार्मिक महत्व: यह पर्व आध्यात्मिक उन्नति, उपवास और शक्ति उपासना का समय होता है। ग्रहण के बावजूद भक्तगण नवरात्रि पूजा निर्बाध रूप से कर सकते हैं।