Monday, April 28, 2025
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अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप, 4.9 तीव्रता के झटकों से कांपी धरती

भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में शुक्रवार (21 फरवरी) देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गई, और इसकी गहराई 160 किमी थी। अचानक धरती हिलने से लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है।

हिंदूकुश क्षेत्र में लगातार आ रहे झटके

अफगानिस्तान में यह इस महीने का दूसरा भूकंप है। इससे पहले 9 फरवरी को 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई 255 किलोमीटर थी। वहीं, 13 मार्च को भी 4.0 तीव्रता के झटकों ने इस इलाके को दहला दिया था। हिंदूकुश क्षेत्र में बार-बार भूकंप आने का कारण टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल मानी जाती है।

कम गहराई वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक

विशेषज्ञों के अनुसार, कम गहराई वाले भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनमें निकलने वाली ऊर्जा सतह के पास ही केंद्रित रहती है। इससे जमीन अधिक तेजी से हिलती है, और इमारतों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। गहरे भूकंपों में यह ऊर्जा सतह तक पहुंचने से पहले कमजोर हो जाती है, जिससे उनका असर थोड़ा कम होता है।

अफगानिस्तान में क्यों आते हैं बार-बार भूकंप?

अफगानिस्तान भूकंप-प्रवण क्षेत्र में आता है, क्योंकि यह यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने वाले इलाके में स्थित है। हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के पास मौजूद चमन फॉल्ट लाइन और अन्य भूगर्भीय गतिविधियां इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप लाने का कारण बनती हैं। यहां पहाड़ी इलाके होने के कारण भूकंप के बाद भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।

फरवरी में भी महसूस हुए थे झटके

इससे पहले, 9 फरवरी को अफगानिस्तान में 4.1 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके गहरे भू-स्तर पर महसूस किए गए थे। भूकंप के कारण लोग घबराकर घरों से बाहर आ गए थे, हालांकि, किसी भी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली थी। लगातार आ रहे भूकंपों के कारण इस क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

संभावित प्रभाव और सतर्कता जरूरी

भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक, टेक्टोनिक गतिविधियों की वजह से इस इलाके में भविष्य में भी झटके महसूस किए जा सकते हैं। स्थानीय प्रशासन को आपदा प्रबंधन की तैयारियां मजबूत करने की जरूरत है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तेजी से मदद पहुंचाई जा सके।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  • भूकंप की तीव्रता 4.9: राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप शुक्रवार (21 फरवरी) रात 1 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.9 थी और गहराई 160 किमी मापी गई।
  • लोगों में दहशत: अचानक झटकों के कारण लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि किसी बड़े नुकसान की सूचना अब तक नहीं मिली है।
  • पहले भी आ चुके हैं झटके: यह इस महीने का तीसरा बड़ा भूकंप है। 9 फरवरी को 4.1 और 13 मार्च को 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था।
  • हिंदूकुश क्षेत्र में टेक्टोनिक हलचल: विशेषज्ञों के अनुसार, यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों की टकराहट के कारण इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप आते हैं।
  • भविष्य में भी खतरा: वैज्ञानिकों का कहना है कि अफगानिस्तान भूकंप-प्रवण क्षेत्र है, जहां भविष्य में भी झटकों की संभावना बनी हुई है। प्रशासन को सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है।
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