सीकर जिले के शिवभजनपुरा गांव के नेवी जवान लोकेश बुरड़क का शनिवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लोकेश केरल के कोच्चि में ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज के कारण शहीद हो गए थे। तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को जब गांव लाया गया तो माहौल गमगीन हो गया।
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद को दी गई अंतिम सलामी
लोकेश बुरड़क के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचते ही करीब 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। ग्रामीणों ने फूल बरसाकर ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद लोकेश अमर रहें’ के नारे लगाए। अंतिम संस्कार से पहले सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को सलामी दी। इसके बाद उनके चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी।
माता-पिता का इकलौता बेटा था शहीद लोकेश
लोकेश बुरड़क ने 7 फरवरी 2020 को भारतीय सेना की द्रोणाचार्य यूनिट में भर्ती होकर देश सेवा का संकल्प लिया था। उनके पिता परसाराम बुरड़क किसान हैं और माता गृहिणी हैं। लोकेश अपनी परिवार की उम्मीदों का एकमात्र सहारा थे। उनकी बड़ी बहन उर्मिला पढ़ाई कर रही है।
गांव में शोक की लहर, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
लोकेश के आकस्मिक निधन से गांव में शोक का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव के सैकड़ों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए और नम आंखों से अपने लाल को अंतिम विदाई दी।