Monday, April 28, 2025
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गाजा में हमास के खिलाफ सड़कों पर जनता: जंग से थके लोग बोले- आतंकी संगठन सत्ता छोड़ो

गाजा में पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिला है, जहां लोग हमास के खिलाफ खुलकर सड़कों पर उतर आए हैं। मंगलवार को गाजा के तीन अलग-अलग इलाकों में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में लोगों ने हमास को आतंकी संगठन करार दिया और सत्ता से हटने की मांग की। इजराइल-हमास जंग से परेशान हो चुके गाजावासियों का गुस्सा अब अपने ही नेतृत्व के खिलाफ फूट पड़ा है।

हमास के खिलाफ सड़कों पर जनता

लोगों ने सड़कों पर नारे लगाए, जैसे “हमास बाहर जाओ, हमास आतंकी है” और “हम हमास को उखाड़ फेंकना चाहते हैं।” कई प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर थामे हुए थे, जिन पर लिखा था, “जंग खत्म करो” और “फिलिस्तीन में बच्चे जीना चाहते हैं।” ये प्रदर्शन उस हताशा को दिखाते हैं, जो गाजा के लोग लंबे समय से झेल रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन प्रदर्शनों के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे दुनिया का ध्यान इस ओर गया है।

हमास की सख्ती और प्रदर्शनकारियों का दर्द

हमास के हथियारबंद लड़ाकों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। कई जगहों पर मारपीट की खबरें आईं और लोगों को तितर-बितर करने की कोशिश हुई। लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे। एक प्रदर्शनकारी मोहम्मद ने न्यूज एजेंसी AFP से बात की। उसने अपना पूरा नाम छिपाते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि ये प्रदर्शन किसने शुरू किया। मैं बस इसलिए शामिल हुआ क्योंकि मैं जंग से थक गया हूं।” उसकी बात गाजा के लोगों की बेबसी को साफ बयां करती है।

प्रदर्शन की शुरुआत टेलीग्राम पर एक मैसेज से हुई थी। इसमें हमास के विरोधियों ने लोगों से सड़कों पर उतरने की अपील की थी। इसके बाद लोग एकजुट हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कतर से फंडेड एक न्यूज चैनल पर भी निशाना साधा और कहा कि वो हमास के पक्ष में खबरें दिखाता है। एक शख्स ने कहा, “हम चाहते हैं कि मीडिया हमारी आवाज सुने। हम आजादी और शांति चाहते हैं।”

जंग से क्यों तंग हैं गाजा के लोग?

गाजा में जंग ने सब कुछ तबाह कर दिया है। वहां की 72% से ज्यादा इमारतें खंडहर बन चुकी हैं। घर, स्कूल, अस्पताल और बाजार सब बर्बाद हो गए हैं। लोग बेघर हैं और उनके पास रहने की कोई सुरक्षित जगह नहीं है। करीब 20 लाख लोग अपने घर छोड़कर भाग चुके हैं। सीजफायर के बाद कुछ लोग लौटे थे, लेकिन इजराइल के दोबारा हमले शुरू करने से उनकी उम्मीदें टूट गईं।

भुखमरी भी बड़ी समस्या बन गई है। इजराइल की नाकाबंदी की वजह से खाना, दवाइयां और ईंधन जैसी जरूरी चीजें गाजा तक नहीं पहुंच रही हैं। लोग तंबुओं या खंडहरों में रहने को मजबूर हैं, जहां पानी और बिजली तक नहीं है। बच्चों और परिवारों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है। मरने वालों में आधे से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। कई बच्चे अनाथ हो गए हैं और उनमें मानसिक परेशानियां बढ़ रही हैं।

हमास का समर्थन घटा, विरोध बढ़ा

इजराइल के साथ जंग के बाद हमास को लेकर लोगों का नजरिया बदला है। सितंबर 2024 में हुए एक सर्वे में सिर्फ 35% लोगों ने हमास का समर्थन किया, जबकि 26% इसके खिलाफ थे। एक साल पहले 71% लोग हमास के साथ थे। ये बदलाव दिखाता है कि गाजा में लोग अब शांति चाहते हैं, न कि जंग। हमास की स्थापना 1987 में हुई थी और 2006 में उसने चुनाव जीतकर सत्ता में हिस्सा लिया था। लेकिन अब उसकी नीतियों से लोग नाराज हैं।

25 मार्च 2025 तक की ताजा जानकारी के मुताबिक, इस जंग में 50 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1 लाख 13 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं। दिसंबर में शुरू हुआ सीजफायर जनवरी में खत्म हो गया था, जिसके बाद इजराइल ने फिर से हमले शुरू कर दिए। गाजा के लोग अब बस इतना चाहते हैं कि ये जंग खत्म हो और उनकी जिंदगी पटरी पर लौटे।

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  1. बड़े पैमाने पर प्रदर्शन: गाजा के तीन क्षेत्रों में प्रदर्शन हुए, जहाँ “हमास बाहर जाओ” और “जंग खत्म करो” जैसे नारे गूँजे, जो इजराइल-हमास संघर्ष से व्यापक हताशा को दर्शाते हैं।
  2. जनता का आक्रोश: प्रदर्शनकारियों, जिनमें मोहम्मद नामक एक व्यक्ति शामिल था, ने जंग से थकान व्यक्त की, जिसमें अक्टूबर 2023 से अब तक 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए और 113,000 घायल हुए।
  3. हमास की सख्ती: हथियारबंद हमास लड़ाकों ने प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की, जिससे झड़पें हुईं, फिर भी प्रदर्शनकारी डटे रहे।
  4. तबाही से गुस्सा: गाजा की 72% इमारतें नष्ट होने और इजराइल की नाकाबंदी से भुखमरी की स्थिति ने निवासियों का हमास पर गुस्सा बढ़ाया।
  5. बदलता मिजाज: सितंबर 2024 के सर्वे में हमास का समर्थन एक साल पहले के 71% से घटकर 35% हुआ, जो शांति और बदलाव की बढ़ती मांग को दिखाता है।
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