चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने इस साल ईद की छुट्टी को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है. मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में स्पष्ट किया गया कि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण इस अवकाश को प्रतिबंधित (रिस्ट्रिक्टेड) अवकाश में बदल दिया गया है.
वित्तीय वर्ष समापन के चलते लिया गया फैसला
सरकारी पत्र के अनुसार, 29 और 30 मार्च को शनिवार और रविवार पड़ने की वजह से कार्यालय पहले से ही बंद रहेंगे. ऐसे में, 31 मार्च को वित्तीय वर्ष की समाप्ति के चलते सरकारी कामकाज सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
मुस्लिम समुदाय पर असर
हरियाणा में मुस्लिम आबादी लगभग 6% है, जो करीब 18 लाख लोगों के बराबर है. खासकर मेवात क्षेत्र—फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, नूंह, हथीन और सोहना जैसे विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है. इसके अलावा, उत्तर हरियाणा के यमुनानगर, साढौरा और जगाधरी क्षेत्रों में भी इस समुदाय की खासी मौजूदगी है.
प्रशासनिक तैयारी पर जोर
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष के आखिरी दिन सभी विभागों में हिसाब-किताब पूरा करना जरूरी होता है. इसी कारण अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने स्पष्ट किया कि यह फैसला किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि प्रशासनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

- सरकारी फैसला: हरियाणा सरकार ने ईद की छुट्टी को प्रतिबंधित अवकाश में बदला, 31 मार्च को वित्तीय वर्ष समापन के चलते उठाया गया कदम।
- कारण: 29 और 30 मार्च को पहले से ही शनिवार और रविवार की छुट्टी होने से 31 मार्च को कार्यालय खुले रखने का निर्णय लिया गया।
- मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया: हरियाणा में 6% मुस्लिम आबादी फैसले से प्रभावित, मेवात और उत्तर हरियाणा के इलाकों में इस पर चर्चा।
- प्रशासनिक तैयारी: वित्तीय वर्ष के समापन के लिए सरकारी विभागों में कामकाज सुचारू रखने को प्राथमिकता दी गई।
- सरकार की सफाई: यह निर्णय धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि प्रशासनिक जरूरतों के मद्देनजर लिया गया।