चैत्र नवरात्रि का आरंभ होने वाला है, जो मां दुर्गा की आराधना के पवित्र दिन माने जाते हैं। इन नौ दिनों में भक्तगण व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ देवी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। कुछ लोग पूरे नौ दिन निराहार रहते हैं, तो कुछ फलाहार या एक समय भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि व्रत के दौरान नियमों का पालन किया जाए और शुद्ध आहार ही ग्रहण किया जाए।
नवरात्रि व्रत में क्या खा सकते हैं?
- सिंघाड़े का आटा – इससे पूरी, पराठे, पकौड़े और हलवा बनाया जा सकता है।
- कुट्टू का आटा – इससे खिचड़ी, पकौड़े, हलवा और पूरी-पराठा तैयार किया जा सकता है।
- राजगिरा आटा – इसका प्रयोग हलवा, पूरी-पराठा बनाने में किया जा सकता है।
- समा के चावल – उत्पम, इडली, डोसा या पूरी बनाने के लिए उपयुक्त।
- मसाले – सेंधा नमक, जीरा, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, जायफल, हरी इलायची, अदरक, हरी मिर्च, नींबू, अजवाइन, हरा धनिया, और पुदीना का सेवन कर सकते हैं।
- सब्जियां – आलू, टमाटर, कद्दू, शकरकंद, कच्चा केला, पपीता, पालक, लौकी, गाजर, अरबी और रतालू खा सकते हैं।
- अन्य खाद्य पदार्थ – साबूदाना, मखाना, ड्राई फ्रूट्स, फल, दूध और उससे बने उत्पाद उपयुक्त हैं।
नवरात्रि व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?
- प्याज और लहसुन – किसी भी रूप में इनका सेवन वर्जित है।
- अनाज और दालें – चावल, गेहूं का आटा, मैदा, सूजी, बेसन, फलियां और दालों का सेवन न करें।
- मसाले – हल्दी, हींग, सरसों, मेथी दाना, गरम मसाला और धनिया पाउडर का उपयोग न करें।
- पेय पदार्थ – कॉफी, चाय और बाजार की आइसक्रीम से बचें।
- तेल – सूरजमुखी या अन्य बीजों से बने तेल का उपयोग न करें।
- नॉनवेज और शराब – मांसाहार, अंडा, शराब और धूम्रपान पूरी तरह वर्जित हैं।
व्रत में शुद्ध आहार अपनाकर करें मां दुर्गा की आराधना
नवरात्रि व्रत का उद्देश्य शरीर और मन की शुद्धि है। इस दौरान शुद्ध, सात्विक और हल्का आहार लेने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है और उपवास का संकल्प मजबूत होता है। सही नियमों का पालन कर आप अपने व्रत को सफल और पुण्यकारी बना सकते हैं।