आज 29 मार्च 2025 को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा। खगोलीय दृष्टि से सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढकता, बल्कि सूर्य का कुछ हिस्सा ही अंधकारमय दिखाई देता है।
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूतक काल लगता है, जिसमें पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्य वर्जित होते हैं। इस बार का सूर्य ग्रहण चैत्र अमावस्या के अवसर पर लग रहा है, जो धार्मिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या भारत से दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा। यह आंशिक सूर्य ग्रहण होने के कारण इसका अलाइनमेंट कुछ ऐसा है कि जब तक ग्रहण लगेगा, तब तक भारत से उसका कोई भी हिस्सा नजर नहीं आएगा।
किन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
इस आंशिक सूर्य ग्रहण को निम्नलिखित स्थानों से देखा जा सकेगा:
- नॉर्थर्न क्यूबेक और ईस्टर्न कनाडा
- नॉर्थईस्टर्न यूनाइटेड स्टेट्स
- अफ्रीका का कुछ हिस्सा
- साइबेरिया और कैरिबियन क्षेत्र
- यूरोप के कुछ हिस्से
सबसे कम कवरेज आइलैंड क्षेत्रों में होगी। इस ग्रहण को स्थानीय समय के अनुसार सुबह से लेकर दोपहर तक देखा जा सकेगा।
आंशिक सूर्य ग्रहण का समय
आज का आंशिक सूर्य ग्रहण विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर दिखाई देगा। नॉर्थर्न क्यूबेक और कनाडा के पूर्वी हिस्सों में यह ग्रहण सुबह 8:30 बजे से शुरू होगा और लगभग 11:00 बजे समाप्त होगा। यूरोप में यह ग्रहण स्थानीय समय के अनुसार दोपहर में दिखाई देगा।
भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं?
ग्रहण का सूतक काल धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। सूतक काल में पूजा-पाठ, भोजन और अन्य शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ग्रहण लगने से 9 से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। हालांकि, सूतक काल तभी मान्य होता है जब सूर्य ग्रहण प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सके। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जहां सूर्य ग्रहण नहीं देखा जा सकता, वहां सूतक काल का पालन करना आवश्यक नहीं है।
धार्मिक दृष्टिकोण से क्या करें?
- चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में मान्य नहीं है, इसलिए सूतक काल का पालन करने की आवश्यकता नहीं है।
- ग्रहण के बाद पवित्र स्नान और घर में पवित्र जल का छिड़काव कर सकते हैं।
- भगवान सूर्य की आराधना करें और मंत्रों का जाप करें।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद भोजन करें।
खगोलीय वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिकों के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी के वायुमंडल और पर्यावरण पर थोड़ा बहुत हो सकता है। हालांकि, इसका भारत पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा।

- साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण आज 29 मार्च को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण है जो खगोलीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।
- यह सूर्य ग्रहण भारत से नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
- आंशिक सूर्य ग्रहण को नॉर्थर्न क्यूबेक, ईस्टर्न और नॉर्थर्न कनाडा, नॉर्थईस्टर्न यूएसए, अफ्रीका, साइबेरिया, कैरिबियन और यूरोप से देखा जा सकेगा।
- ग्रहण का समय विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग रहेगा, नॉर्थर्न क्यूबेक में सुबह 8:30 बजे से लेकर 11:00 बजे तक ग्रहण दिखेगा।
- धार्मिक दृष्टिकोण से भारत में सूतक काल का पालन करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा।