Tuesday, April 29, 2025
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अदालत के आदेश का पालन न करने पर IAS भवानी सिंह देथा ने मानी गलती, राजस्थान हाईकोर्ट ने वापस लिया अवमानना नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HC) ने शुक्रवार को IAS अधिकारी भवानी सिंह देथा (IAS Bhawani Singh Detha) के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस (Contempt Notice) का निपटारा कर दिया। देथा ने अदालत के आदेश का पालन न करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी, जिसके बाद न्यायालय ने मामले को समाप्त कर दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस उमाशंकर व्यास ने न्यायपालिका और प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “मैं मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं, इसलिए आम आदमी के संघर्ष को समझता हूं। जब अदालत के आदेशों का पालन नहीं होता, तो लोग वकीलों को नियुक्त करने और अवमानना ​​याचिका दायर करने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जनहित में समय पर अदालत के आदेशों का पालन करना महत्वपूर्ण है।”

भवानी सिंह देथा ने मांगी बिना शर्त माफी

सुनवाई के दौरान IAS भवानी सिंह देथा ने खेद व्यक्त करते हुए कहा, “मैं बिना शर्त अदालत से माफी मांगता हूं और आश्वासन देता हूं कि भविष्य में सभी अदालती आदेशों का तुरंत पालन किया जाएगा।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि आदेश का पालन 18 दिनों के भीतर किया गया, लेकिन यह सख्त न्यायिक हस्तक्षेप के कारण ही संभव हुआ। कोर्ट ने चेतावनी दी कि भविष्य में अनुपालन न करने पर दंड पर विचार किया जाएगा।

अन्य अधिकारियों पर भी थी अवमानना की तलवार

हाईकोर्ट ने न्यायिक निर्देश का पालन न करने के लिए IAS अधिकारी भवानी सिंह देथा, शुचि त्यागी और आर.सी. मीना को तलब किया था। शुक्रवार को देथा और मीना अदालत में पेश हुए, जबकि शुचि त्यागी ने अनुपस्थिति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। अधिकारियों की माफी के बाद कोर्ट ने तीनों के खिलाफ अवमानना ​​नोटिस वापस ले लिया।

यह मामला सांभर झील के सरकारी कॉलेज में लेक्चरर डॉ. डी.सी. डूडी द्वारा दायर याचिका से उपजा था। डॉ. डूडी ने करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत अपनी पिछली सेवा अवधि को शामिल न किए जाने पर कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की अपील को खारिज कर दिया था। इसके बावजूद विभाग ने अनुपालन में देरी की, जिससे अवमानना ​​कार्यवाही शुरू हुई।

सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज की सरकार की अपील

राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील की, लेकिन रोक लगाने से इनकार कर दिया गया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां 27 सितंबर 2023 को सरकार की अपील को खारिज कर दिया गया। इन सभी कानूनी प्रक्रियाओं के बाद भी विभाग ने आदेश का पालन करने में देरी की, जिससे अदालत ने अवमानना ​​कार्यवाही का संज्ञान लिया।

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