Monday, April 28, 2025
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नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, करियर में मिलेगी सफलता और मानसिक शांति

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है। मां का यह स्वरूप ब्रह्मचारिणी उस कन्या का प्रतीक है जो ज्ञान प्राप्त कर रही होती है। यह रूप दर्शाता है कि नारी के लिए शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वही आगे चलकर समाज के निर्माण में सहायक होती है। माता के इस स्वरूप में कमंडल और माला रहती है, जो तपस्या और संयम का प्रतीक है।

मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और महत्व

मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। उनके एक हाथ में जपमाला और दूसरे हाथ में कमंडल होता है। उनका स्वरूप तप, साधना और संयम का प्रतीक है। उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी आराधना करने से साधक को संयम, धैर्य और आत्मबल प्राप्त होता है। विशेष रूप से विद्यार्थियों और साधकों के लिए इनकी पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

  • स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल की तैयारी: घर के मंदिर या किसी स्वच्छ स्थान पर मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • कलश स्थापना: पूजा में कलश की स्थापना शुभ मानी जाती है। कलश में जल, आम के पत्ते, नारियल और पंचधान्य रखें।
  • दीप प्रज्वलित करें: घी या तेल का दीपक जलाएं।
  • पूजा सामग्री अर्पित करें: मां को अक्षत, पुष्प, रोली, चंदन, कुमकुम, सुगंधित धूप और सफेद फूल अर्पित करें।
  • भोग चढ़ाएं: मां को दूध, शक्कर, पंचामृत या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।

मंत्र जाप करें

  • मंत्र: “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः”
  • बीज मंत्र: “ॐ ह्रीं ब्रह्मचारिण्यै नमः”
  • आरती करें: मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें और भक्तिभाव से उनका स्मरण करें।
  • प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें और दूसरों में बांटें।

व्रत रखने से बढ़ेगा आत्मबल

व्रतधारी को पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। व्रत में फलाहार या सात्विक आहार ही ग्रहण करें। लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से बचें। श्रद्धा और भक्ति के साथ मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें। दिनभर मां के मंत्रों का जाप करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से आत्मबल और धैर्य की प्राप्ति होती है। मानसिक शांति और सकारात्मकता मिलती है। पढ़ाई और करियर में सफलता मिलती है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

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