राजस्थान में पंचायत पुनर्गठन और सीमांकन के कार्य में देरी ने सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। राज्य की ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों के पुनर्गठन और सीमांकन का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। समय पर काम न होने के कारण सरकार ने तीसरी बार डेडलाइन बढ़ा दी है।
पहले यह समय सीमा 25 मार्च निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 30 मार्च किया गया, लेकिन अब इसे 6 अप्रैल 2025 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। सरकार का कहना है कि जनता की आपत्तियां सुनने और प्रस्तावों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में देरी हो रही है। सरकार का लक्ष्य है कि जून के पहले सप्ताह तक सभी प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया जाए।
पंचायत पुनर्गठन का अंतिम निस्तारण 4 जून तक होगा
नए शेड्यूल के अनुसार, प्रदेशभर में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन का अंतिम निस्तारण 21 मई से 4 जून तक किया जाएगा। राज्य सरकार ने प्रस्ताव तैयार करने की नई समय सीमा 6 अप्रैल 2025 तय की है। जनता से आपत्तियां आमंत्रित करने की अवधि 7 अप्रैल से 6 मई तक होगी। इन आपत्तियों का निस्तारण 7 मई से 13 मई तक किया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों की नाराजगी और विधानसभा में गूंजा मुद्दा
पंचायत पुनर्गठन में हो रही देरी को लेकर जनप्रतिनिधियों में भारी नाराजगी है। पंचायत सीमांकन और पुनर्गठन कार्य में अधिकारियों की उदासीनता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। जनता की शिकायतों को गंभीरता से न सुनने का आरोप लगा है।
विधानसभा में विधायकों ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने अधिकारियों पर काम में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की। विधायकों के दबाव और जनता की नाराजगी को देखते हुए सरकार को मजबूरन समय सीमा को बढ़ाना पड़ा।