Tuesday, April 29, 2025
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नए भाजपा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज़, मोदी-भागवत की मुलाकात से हलचल बढ़ी

भा‍रतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव इसी महीने में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के बाद पार्टी में बदलाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, 30 मार्च को मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के बीच मुलाकात में नए अध्यक्ष के नाम पर बातचीत हुई थी।

मोदी के नागपुर से लौटने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने जेपी नड्‌डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से राज्यों के संगठनात्मक चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत की।

प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव अगले हफ्ते तक होंगे पूरा

सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने नड्‌डा और संतोष से कहा कि पार्टी को भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव इसी महीने तक पूरा करना चाहिए। अब तक भाजपा ने 13 राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 19 राज्यों में चुनावों का होना आवश्यक है।

सूचना मिली है कि अगले हफ्ते तक उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल सहित बाकी सभी प्रमुख राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। इसका मतलब यह है कि 50 प्रतिशत राज्यों के चुनाव हो जाने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकेगा।

जेपी नड्डा के कार्यकाल का अंत और नए अध्यक्ष की जरूरत

हाल फिलहाल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा हैं। उन्हें 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और जनवरी 2020 में वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। उनकी अध्यक्षता में पार्टी ने कई महत्वपूर्ण चुनावी मुकाबले जीते, लेकिन अब उनका कार्यकाल जून 2024 में खत्म हो जाएगा, जब लोकसभा चुनाव के लिए नए नेतृत्व की जरूरत पड़ेगी।

नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने कई महत्वपूर्ण चुनाव होंगे, जिनमें आगामी विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव प्रमुख हैं। पार्टी के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता, और ऐसे में भाजपा को एक नया चेहरा चुनना होगा।

नए अध्यक्ष के लिए बड़ी जिम्मेदारी

नए अध्यक्ष के सामने 12 महत्वपूर्ण चुनाव होंगे, जिन्हें सफलतापूर्वक संभालना होगा। इस बीच, भाजपा के संगठन में भी कई बदलाव आ सकते हैं, जो पार्टी के आगामी चुनावी मुकाबलों को प्रभावित करेंगे।

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