गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा इलाके में मंगलवार सुबह 8 बजे एक पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से बड़ा हादसा हो गया। इस दर्दनाक दुर्घटना में मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 मजदूर मामूली रूप से घायल हो गए। हादसा इतना भीषण था कि कई मजदूरों के अंग 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे के खेत में भी कुछ मानव अंग मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है।
हादसे के बाद फैक्ट्री में आग लग गई, जिसे बुझाने में फायर ब्रिगेड की टीम को करीब 5 से 6 घंटे लगे। विस्फोट के वक्त सभी मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

मध्य प्रदेश से आए थे मजदूर, 2 दिन पहले ही शुरू किया था काम
हादसे के शिकार सभी मृतक और घायल मजदूर मध्य प्रदेश के हरदा जिले के हंडिया गांव के रहने वाले थे। वे महज 2 दिन पहले ही मजदूरी के लिए डीसा पहुंचे थे और पटाखा बनाने का काम कर रहे थे। फिलहाल, प्रशासन मृतकों की पहचान में जुटा हुआ है। डीसा की एसडीएम नेहा पांचाल ने बताया कि घायल मजदूरों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 3 मजदूर 40 प्रतिशत से अधिक जल चुके हैं और उनका इलाज जारी है। प्रशासन घटना की विस्तृत जांच कर रहा है।

लाइसेंस बेचने का, बनाने का नहीं था
हादसे में सामने आया है कि दीपक ट्रेडर्स नामक इस फैक्ट्री के मालिक खूबचंद सिंधी के पास पटाखे बेचने का लाइसेंस था, लेकिन बनाने का नहीं। इसके बावजूद फैक्ट्री में पटाखे बनाए जा रहे थे। पुलिस ने लाइसेंस और फैक्ट्री संचालन से जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बिना निर्माण लाइसेंस के फैक्ट्री में पटाखा बनाना घोर लापरवाही है। पुलिस और प्रशासन पूरे मामले की तहकीकात में जुटे हैं।
परिजनों में छाया मातम
हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजनों में मातम पसर गया। परिजन अपने प्रियजनों की तलाश में डीसा पहुंचे। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।