वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर संसद में सियासी संग्राम जारी है। विपक्षी दलों ने विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए कड़ा विरोध जताया है, जबकि केंद्र सरकार अपने रुख पर अडिग है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है और विपक्ष का उद्देश्य केवल विरोध करना है।
विपक्ष का एकजुट प्रदर्शन: संसद में रणनीति बैठक
विपक्षी दलों ने मंगलवार (1 अप्रैल 2025) को संसद भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल शामिल हुए। समाजवादी पार्टी से राम गोपाल यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कल्याण बनर्जी और आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इसके अलावा डीएमके नेता टीआर बालू, तिरुचि शिवा और कनिमोई, आरजेडी के मनोज कुमार झा, सीपीएम के जॉन ब्रिटास, सीपीआई के संदोष कुमार पी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन और वाइको भी बैठक में शामिल हुए।
विपक्ष का आरोप: अल्पसंख्यकों पर हमला
आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने बैठक के बाद कहा, “यह विधेयक गैर-संवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश है। केंद्र सरकार लगातार अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रही है।”
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “हम कल एकजुट होकर बहस में हिस्सा लेंगे और विपक्ष की तरफ से जो संशोधन आएंगे, उनका समर्थन करेंगे। हम वोटिंग की मांग करेंगे ताकि जनता के सामने सच्चाई आ सके।”
टीएमसी का आरोप: बीजेपी चर्चा से भाग रही
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा, “हम संसद में चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन सरकार हमारी आवाज दबाने का प्रयास कर रही है।”
वहीं, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “हम संविधान के अनुसार काम करने वालों के साथ खड़े हैं। चर्चा में शामिल होकर विपक्ष की बात मजबूती से रखेंगे।”
एनडीए का समर्थन, मांझी ने कहा- मोदी हैं तो मुमकिन है
एनडीए में भी इस विधेयक को लेकर एकजुटता देखने को मिली। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक कई राजनीतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा। उन्होंने कहा, “जो दल मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे थे, उन्हें इस बिल से करारा जवाब मिलेगा। मोदी हैं तो मुमकिन है, और देश का हर तबका उनके साथ है।”
टीडीपी-जेडीयू का समर्थन, केंद्र की स्थिति मजबूत
विपक्ष के विरोध के बावजूद, एनडीए में शामिल टीडीपी और जेडीयू ने केंद्र सरकार के रुख का समर्थन किया है। टीडीपी और जेडीयू के समर्थन से केंद्र की स्थिति मजबूत हुई है और विधेयक को पारित कराने में महत्वपूर्ण बढ़त मिल सकती है।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के संयुक्त प्रदर्शन और विरोध के बावजूद, एनडीए का समर्थन सरकार के पक्ष को और सशक्त बना रहा है।