वक्फ संशोधन बिल, जिसे केंद्र सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक मान रही है। विपक्ष इसे गलत और मुस्लिमों के अधिकारों का खतरा बता रही है। अब राजनीतिक और संवैधानिक बहस का केंद्र बन चुका है। शुक्रवार को इस बिल के खिलाफ दो बड़ी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गईं—एक AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से और दूसरी कांग्रेस के किशनगंज से सांसद मोहम्मद जावेद द्वारा।
यह बिल बीते 2 और 3 अप्रैल को संसद के दोनों सदनों में लंबी चर्चा के बाद पारित हुआ था। अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है। अगर वह अपनी सहमति देती हैं, तो यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिल को बताया सुधार का प्रतीक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल के पास होने को एक ऐतिहासिक सुधार करार दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाएगा और गरीब एवं पसमांदा मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्तियों में दशकों से हो रही गड़बड़ियों के कारण मुस्लिम समाज, विशेषकर महिलाएं और गरीब तबका, प्रभावित हुआ है। यह नया कानून इन विसंगतियों को दूर करेगा।
विपक्ष का विरोध, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
राज्यसभा में बिल पास होने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ऐलान किया था कि पार्टी इस पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। तमिलनाडु की DMK ने भी याचिका दाखिल करने की बात कही थी।
विपक्ष का मुख्य तर्क है कि इस बिल को बिना पर्याप्त सहमति और चर्चा के पारित किया गया, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को खतरा हो सकता है। सोनिया गांधी ने भी बिल पास होने के तरीके पर सवाल उठाए, जिस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें नसीहत दी, और उसके बाद सदन में हंगामा हुआ।
JDU का समर्थन, पार्टी में फूट: 7 मुस्लिम नेताओं का इस्तीफा
वक्फ संशोधन बिल को समर्थन देने के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भीतर भी असंतोष उभर आया। पार्टी के 7 मुस्लिम नेताओं ने विरोध स्वरूप इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव, महासचिव और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी शामिल हैं।
यह घटनाक्रम दिखाता है कि वक्फ बिल का असर केवल संसद तक सीमित नहीं, बल्कि दलों की आंतरिक राजनीति तक पहुंच चुका है, जहां अल्पसंख्यक वोट बैंक की भूमिका अहम मानी जाती है।
रिजिजू ने दी सफाई, जेपीसी प्रक्रिया का हवाला
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह बिल विस्तृत विमर्श और संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि संशोधन पारदर्शिता, जवाबदेही और सटीकता जैसे मूलभूत सुधारों पर केंद्रित हैं, ताकि वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि बिल में किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं किया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य सभी वक्फ से जुड़ी प्रक्रियाओं को सुचारु और पारदर्शी बनाना है।