Tuesday, April 29, 2025
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हरियाणा में अब 9वीं-10वीं में होंगे 7 सब्जेक्ट: संस्कृत-उर्दू-पंजाबी में से एक का चयन जरूरी, अब 6 अनिवार्य और एक वैकल्पिक विषय रहेगा

हरियाणा सरकार ने स्कूल शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए एक नया विषय जोड़ने का फैसला लिया है। अब इन कक्षाओं के छात्रों को कुल 7 विषय पढ़ने होंगे। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किए गए हैं, जिनका मकसद त्रि-भाषाई सूत्र को लागू करना है।

इस साल 9वीं में लागू, अगले साल 10वीं में

इस नए नियम की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों के लिए की जाएगी। वहीं, 2026-27 सत्र से कक्षा 10वीं के छात्रों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सहायक सचिव ने इसको लेकर सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं।

तीसरी भाषा का चयन अनिवार्य

अब तक छात्रों को पांच अनिवार्य और एक वैकल्पिक विषय पढ़ना होता था। लेकिन अब उन्हें संस्कृत, उर्दू या पंजाबी में से किसी एक भाषा को तृतीय भाषा के रूप में चुनना होगा। इसका मतलब है कि अब छात्र कुल 6 अनिवार्य विषय और 1 वैकल्पिक विषय यानी कुल 7 विषयों की पढ़ाई करेंगे।

परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव संभव

नई विषय व्यवस्था के चलते परीक्षा पास करने के मानदंडों में भी बदलाव किया जाएगा। सभी स्कूलों को इसके अनुरूप तैयारी करने और छात्रों को समय रहते जानकारी देने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

राजकीय और गैर-राजकीय स्कूलों पर लागू होंगे आदेश

यह आदेश प्रदेश के सभी राजकीय और गैर-राजकीय स्कूलों पर लागू होगा जो हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे छात्रों और अभिभावकों को इस नई व्यवस्था की जानकारी दें और आवश्यक तैयारियों को अमल में लाए

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  1. हरियाणा सरकार ने स्कूल शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 7 विषय अनिवार्य किए।
  2. नए नियम के तहत छात्रों को संस्कृत, उर्दू या पंजाबी में से एक भाषा चुननी होगी, जिससे त्रिभाषा सूत्र लागू हो सके।
  3. यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया गया है और 2025-26 से कक्षा 9वीं में लागू होगा।
  4. अगले साल, 2026-27 में, इसे कक्षा 10वीं के लिए भी अनिवार्य किया जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा।
  5. सभी सरकारी और निजी स्कूलों पर यह नियम लागू होगा, और स्कूल प्रशासन को इस बदलाव के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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