Monday, April 28, 2025
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नवरात्रि के अंतिम दिन आज करें मां सिद्धिदात्री की पूजा, कन्याओं का पूजन कर करें व्रत का उद्यापन

नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन को रामनवमी भी कहा जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। नवमी तिथि का प्रारंभ 5 अप्रैल की रात 7.25 बजे से हो रहा है और इसका समापन 6 अप्रैल की रात 7.21 बजे पर होगा। घरों में कन्याओं को पूजन करके और उन्हें भोजन करवाकर इसी दिन व्रत का उद्यापन किया जाता है। देवी के इस दिव्य स्वरूप की पूजा करने से सिद्धियों के साथ-साथ यश, बल और आत्मिक संतुलन की प्राप्ति होती है।

मां सिद्धिदात्री सिद्धियां देने वाली

मां सिद्धिदात्री को ज्ञान और अनुभव की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। मान्यता है कि समस्त सिद्धियां भगवान शिव को भी इन्हीं से प्राप्त हुई थीं। उनका स्वरूप दर्शाता है कि समाज की दिशा और दशा तय करने में नारी शक्ति की भूमिका केंद्रीय है। नवमी के दिन कन्या पूजन की परंपरा भी इसी भाव को बल देती है, जिसमें 9 वर्ष तक की कन्याओं को देवी का प्रतीक मानकर पूजित किया जाता है।

पूजा विधि और आवश्यक सामग्री

  • प्रातः स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें और घर के पूजा स्थल को स्वच्छ करें।
  • मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र लाल कपड़े पर स्थापित करें।
  • दीपक जलाकर, नौ कमल के फूल अर्पित करें।
  • “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” मंत्र का जाप करें।
  • मां को तिल और मेवे से बने व्यंजनों का भोग लगाएं।
  • अर्पित फूल को लाल वस्त्र में लपेटकर रखें। यह कष्ट और संकट से रक्षा करता है।
  • अंत में मां की आरती कर प्रसाद सभी को बांटें

भगवान श्रीराम की भी करें पूजा

नवरात्रि के अंतिम दिन रामनवमी का पर्व भी है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। मां सिद्धिदात्री के साथ ही इस दिन घरों में भगवान राम की भी पूजा करनी चाहिए। भगवान श्रीराम के चित्र या मूर्ति को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके पश्चात पुष्प अर्पित करें। इसके बाद भगवान श्रीराम की आरती करें। उन्हें केसर युक्त खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी दल अवश्य डालें। इस दिन घर में सुंदरकांड या रामचरित मानस का पाठ करें।

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