राजस्थान सरकार ने ‘राजस्थान टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी-2025’ को लागू कर राज्य को वस्त्र उद्योग के ग्लोबल हब में बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस नीति का मकसद ₹10,000 करोड़ का निवेश आकर्षित करना और 2 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देना है।
“सूती से समृद्धि” के विजन पर आधारित यह नीति भीलवाड़ा, पाली, बालोतरा और जयपुर जैसे पारंपरिक टेक्सटाइल हब्स को टेक्नोलॉजिकल और इन्फ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट के ज़रिए नई ऊर्जा देगी।
उद्योगों को मिलेगा दस साल का प्रोत्साहन
नीति के तहत उद्योगों को 10 वर्षों तक एसेट क्रिएशन इंसेंटिव मिलेगा, जिसकी वार्षिक सीमा ₹80 करोड़ तक तय की गई है।
स्टांप ड्यूटी और इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 100% छूट के अलावा, ग्रीन सॉल्यूशन इंसेंटिव के तहत पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं को ₹12.5 करोड़ तक की 50% सब्सिडी दी जाएगी।
5 नए टेक्सटाइल पार्क से बढ़ेगी उत्पादन क्षमता
राज्य में 5 नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे, जिससे वस्त्र निर्माण की नई इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। नीति में कपास, ऊन, फुटवियर, चमड़ा, हैंडलूम और तकनीकी वस्त्रों को विशेष रूप से शामिल किया गया है, ताकि हर क्षेत्र में संतुलित विकास हो सके।
निर्यातकों को मिलेगा अमेरिका टैरिफ के बीच फायदा
अमेरिका द्वारा भारतीय वस्त्रों पर लगाए गए लगभग 27% के रेसिप्रोकल टैरिफ के संदर्भ में यह नीति निर्यातकों के लिए मददगार साबित हो सकती है। वियतनाम, बांग्लादेश और चीन जैसे देशों की तुलना में भारत की निर्यात संभावनाएं अब मजबूत हुई हैं।
‘फाइबर से फैशन’ तक मजबूत होगी वैल्यू चेन
इस नीति का एक अहम फोकस है – “फाइबर से फैशन तक”। इससे कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद तक की पूरी श्रृंखला को मज़बूती मिलेगी। साथ ही, स्थानीय उद्यमियों को तकनीक, स्किल डिवेलपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए संस्थागत सहयोग भी मिलेगा।
राजस्थान बनेगा वस्त्र उद्योग में अग्रणी
राजस्थान पहले से ही देश का चौथा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है। अब यह नीति उस क्षमता को सही दिशा देते हुए राज्य को वस्त्र निर्माण और निर्यात का अग्रणी केंद्र बना सकती है।

- राजस्थान सरकार ने ‘टेक्सटाइल एवं अपैरल पॉलिसी-2025’ लागू कर दी है, जिसका लक्ष्य ₹10,000 करोड़ का निवेश और 2 लाख रोजगार सृजन है।
- भीलवाड़ा, पाली, बालोतरा और जयपुर जैसे टेक्सटाइल हब्स को नई नीति के जरिए तकनीकी और निर्यात केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
- 10 वर्षों तक एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, स्टांप और बिजली ड्यूटी में 100% छूट, और पर्यावरण-अनुकूल प्रोजेक्ट्स को ₹12.5 करोड़ तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- नीति के तहत 5 नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित होंगे और कपास, ऊन, फुटवियर, चमड़ा जैसे विभिन्न क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी गई है।
- अमेरिका द्वारा लगाए गए 27% टैरिफ के बीच, यह नीति भारतीय निर्यातकों को नए वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा का लाभ दिला सकती है।