टाटा ग्रुप की वित्तीय सेवाओं से जुड़ी प्रमुख कंपनी टाटा कैपिटल भारतीय शेयर बाजार में अब तक की सबसे बड़ी लिस्टिंग के लिए पूरी तरह तैयार नजर आ रही है। कंपनी ने 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ के लिए SEBI को गोपनीय रूप से दस्तावेज दाखिल कर दिए हैं। यह फाइलिंग कंफिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के तहत की गई है, जो हालिया समय में कई बड़ी कंपनियों द्वारा अपनाया गया है।
इस मेगा आईपीओ में कंपनी करीब 2.3 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी करेगी, जबकि कुछ मौजूदा शेयरधारक—खासकर टाटा सन्स—अपनी हिस्सेदारी में कमी करेंगे। वर्तमान में टाटा सन्स की हिस्सेदारी 93% है।
RBI की सख्ती, सितंबर 2025 तक लिस्टिंग जरूरी
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल को Upper Layer NBFC घोषित किया है, यानी यह उन वित्तीय कंपनियों में शामिल है जिन्हें पारदर्शिता और गवर्नेंस के मामले में ज्यादा ज़िम्मेदार माना जाता है। इस श्रेणी में आने के बाद, RBI की शर्त के अनुसार टाटा कैपिटल और टाटा सन्स दोनों को सितंबर 2025 से पहले शेयर बाजार में लिस्ट होना अनिवार्य है।
शानदार प्रदर्शन: FY24 में आय और मुनाफे में ऐतिहासिक उछाल
वित्त वर्ष 2024 में टाटा कैपिटल की आय 34% बढ़कर 18,178 करोड़ रुपये पहुंच गई, जबकि शुद्ध लाभ 3,150 करोड़ रुपये रहा—जो अब तक का सबसे अधिक है। कंपनी की लोन बुक 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है। FY25 की पहली छमाही में भी मुनाफा 21% की ग्रोथ के साथ 1,825 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
क्या है टाटा कैपिटल का बिजनेस मॉडल?
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी है, जो नॉन-बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर में काम करती है। इसका पोर्टफोलियो बेहद विविध है—जिसमें शामिल हैं:
- कमर्शियल फाइनेंस
- पर्सनल और कंज्यूमर लोन
- वेल्थ मैनेजमेंट सेवाएं
- टाटा कार्ड्स
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है ये IPO?
अगर यह आईपीओ सफल होता है, तो यह भारत के फाइनेंशियल सेक्टर का सबसे बड़ा आईपीओ बन सकता है। नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के सफल आईपीओ के बाद, यह टाटा ग्रुप की अगली बड़ी बाज़ार लिस्टिंग होगी। इससे ग्रुप की फाइनेंशियल स्ट्रेंथ और ब्रांड वैल्यू और भी मजबूत होगी।