सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई। कारोबार की शुरुआत से ही सेंसेक्स और निफ्टी पर भारी दबाव देखने को मिला। सेंसेक्स 3104 अंक टूटकर 72,259 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 973 अंक गिरकर 21,930 पर पहुंच गया। यह इस साल की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है।
ग्लोबल संकेत- विदेशी बाजारों में भी भारी गिरावट
शेयर बाजार में इस गिरावट की बड़ी वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित नए टैरिफ माने जा रहे हैं। ट्रंप के इस फैसले का असर अमेरिकी और एशियाई बाजारों में साफ देखा गया।
- डॉउ जोन्स फ्यूचर्स 1,405 अंक गिरा।
- S&P 500 फ्यूचर्स में 4.3% और नैस्डैक 100 में 5.4% की गिरावट आई।
- जापान का निक्केई 225 करीब 9% गिरा और बैंक शेयरों का इंडेक्स 17% तक टूट गया।
- कोरिया का कोस्पी सूचकांक 4.34% और कोस्डैक 3.48% गिरा।
प्री-ओपनिंग में ही बाजार में गिरावट के संकेत मिल चुके थे
प्री-ओपनिंग से ही बाजार में गिरावट के संकेत दिखने लगे थे। सेंसेक्स 2708 अंक और निफ्टी 1605 अंक तक नीचे चला गया था।
- अडानी पोर्ट्स, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 10% तक की गिरावट देखी गई।
- टेक महिंद्रा और इन्फोसिस जैसे आईटी सेक्टर के दिग्गज शेयर भी 7% से ज्यादा टूटे।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के टैरिफ के चलते वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इस कारण निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है और बाजार में भारी बिकवाली हो रही है। विशेषज्ञों ने आने वाले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना जताई है।
खबर की बड़ी बातें
- 7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, सेंसेक्स 3104 अंक लुढ़ककर 72,259 पर बंद हुआ।
- निफ्टी में भी 973 अंकों की गिरावट रही और यह 21,930 के स्तर पर आ गया, जो 22000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे है।
- इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए टैरिफ की घोषणा मानी जा रही है, जिससे वैश्विक बाजारों में अफरा-तफरी मच गई।
- जापान, कोरिया और अमेरिका के बाजारों में भी बड़ी गिरावट दर्ज हुई — निक्केई 9% और डॉऊ फ्यूचर्स 1400+ अंक टूटा।
- शेयर बाजार विशेषज्ञों ने आगे भी अस्थिरता बने रहने की संभावना जताई है, खासकर ग्लोबल पॉलिसी और इकोनॉमिक अनिश्चितता को लेकर।