देशभर में हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाएगी। जो इस बार 12 अप्रैल, शनिवार को है। हनुमान जन्मोत्सव को लेकर विभिन्न धार्मिक स्थलों पर इसकी तैयारियाँ जोरों पर हैं। हनुमान जी को शक्ति, बुद्धि और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, जिनकी पूजा विशेष रूप से शनि की स्थिति को शांत करने के लिए की जाती है।
इस दिन सुबह से ही मंदिरों में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस का सामूहिक पाठ आयोजित होंगे। श्रद्धालु सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करके घरों और मंदिरों में पवित्रता और ऊर्जा का संचार करेंगे।
हनुमान जी का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था, इसलिए प्रातःकाल पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कि हनुमान जी को चमेली का तेल, सिंदूर, और विशेष पान का बीड़ा अर्पित करने से आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।
पूजा विधि के अनुसार घर की सफाई और गंगाजल से शुद्धिकरण के बाद सिंदूर चढ़ाना, सरसों के तेल का दीपक जलाना, तथा हनुमान के 12 विशेष नामों का उच्चारण करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। यह दिन न केवल श्रद्धा और शक्ति का उत्सव है, बल्कि समाज में संयम, सेवा और समर्पण के मूल्यों को पुनः जाग्रत करने का अवसर भी है।
हनुमान जन्मोत्सव पर इस मंत्र का जाप अवश्य करें–
मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।