Monday, April 28, 2025
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SC में वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई पर फैसला, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बवाल, मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति दे दी है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, जो जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश हुए, ने कोर्ट से अर्जेंट हियरिंग की मांग की थी। इस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि वकील पत्र या ईमेल के जरिए मांग भेजें। सिब्बल ने जवाब दिया कि प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

CJI ने आश्वासन दिया कि दोपहर तक पत्र और मेल देखे जाएंगे और निर्णय लेकर मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अलावा इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अब तक 5 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी याचिका दाखिल करने की घोषणा की है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद का आरोप- ‘धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला’

जमीयत उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि नया वक्फ कानून मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनने की खतरनाक साजिश है। संगठन की राज्य इकाइयां भी इस कानून के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेंगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बवाल, विधायक ने फाड़ी जैकेट

वक्फ कानून को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायक ने कानून की कॉपी फाड़ दी, वहीं एक अन्य विधायक ने अपनी जैकेट फाड़कर सदन में लहराई। स्थिति बिगड़ने पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। NC सहित अन्य विपक्षी दलों ने कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने की बात कही है।

मणिपुर में भाजपा नेता का घर जलाया, हिंसा की चपेट में आई संपत्ति

मणिपुर के थोउबल जिले में रविवार को भीड़ ने वक्फ कानून के समर्थन पर बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष असगर अली मकाकमयुम के घर पर हमला कर दिया। भीड़ ने घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया।

वक्फ कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी, जल्द होगा लागू

वक्फ संशोधन बिल 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद पास हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इसे मंजूरी दी, जिसके बाद गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। हालांकि, इसे लागू करने की तारीख केंद्र सरकार अलग से अधिसूचित करेगी।

वक्फ संशोधन बिल

नए-पुराने में 4 बड़े अंतर

पुराना कानून

  1. सेक्शन 40 में रीज़न टू बिलीव के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उस प्रॉपर्टी का मालिक सिर्फ ‘वक्फ ट्रिब्यूनल’ में ही अपील कर सकता है।
  2. वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम माना जाता है। उसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
  3. किसी ज़मीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक काम के लिए हो तो वह ऑटोमैटिक वक्फ संपत्ति हो जाती है।
  4. वक्फ बोर्ड में महिलाओं और अन्य धर्मों के लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकती।

नया बिल

  1. नए बिल के अनुसार प्रॉपर्टी का मालिक ट्रिब्यूनल के अलावा रेगुलर कोर्ट, सिविल कोर्ट या अन्य ऊपरी कोर्ट में भी अपील कर सकेगा।
  2. वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
  3. जब तक किसी ने प्रॉपर्टी वक्फ को दान न की हो, वह संपत्ति उस इंसान की ही मानी जाएगी और संपत्ति पर मस्जिद होना काफी नहीं है।
  4. वक्फ बोर्ड में 2 महिलाएं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी।

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में हो रहे दुरुपयोग, पक्षपात और अतिक्रमण को रोकना है। राज्यसभा में बिल को 128 सांसदों ने समर्थन और 95 ने विरोध किया, जबकि लोकसभा में 288 सांसदों ने समर्थन और 232 ने विरोध में वोट दिया।

AIMPLB ने किया विरोध, 11 अप्रैल से राष्ट्रव्यापी आंदोलन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दो पेज का लेटर जारी किया है और 11 अप्रैल से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया है। AIMPLB का कहना है कि यह कानून इस्लामी मूल्यों, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के मूल ढांचे पर सीधा हमला है। बोर्ड ने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों से मिलकर इसे निरस्त करवाने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प जताया।

राजनीतिक दलों की तीखी प्रतिक्रियाएं

  • राहुल गांधी ने कहा कि वक्फ कानून मुसलमानों पर हमला है और यह भविष्य में अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की नींव रखता है।
  • कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ जमीनों को अमीर उद्योगपतियों को देने की साजिश कर रही है।
  • महबूबा मुफ्ती ने कानून को अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘डाका’ बताया और इसे राज्यसभा में पारित करने को गलत ठहराया।
  • NC सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि यह कानून भाजपा की मुस्लिम विरोधी नीतियों का प्रमाण है और भारत अब एक खतरनाक बहुसंख्यकवादी दौर में प्रवेश कर चुका है।

विवाद गहराता जा रहा है

वक्फ कानून को लेकर देशभर में सियासी और सामाजिक माहौल गर्माता जा रहा है। जहां सरकार इसे सुधारात्मक कदम बता रही है, वहीं मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का कहना है कि यह अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और आगामी विरोध प्रदर्शन तय करेंगे कि यह मुद्दा क्या दिशा लेता है।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  1. सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य की अर्जियों पर सुनवाई के लिए सहमति दी।
  2. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नए वक्फ कानून पर जोरदार विरोध, NC विधायक ने जैकेट फाड़ी।
  3. मणिपुर में भाजपा नेता के घर पर हमला, भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ की।
  4. संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने 5 अप्रैल को कानून को मंजूरी दी, गजट नोटिफिकेशन भी जारी।
  5. AIMPLB ने राष्ट्रव्यापी विरोध की घोषणा की, 11 अप्रैल से देशभर में प्रदर्शन होंगे।

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