हज यात्रा से पहले सऊदी अरब ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत 14 देशों के उमरा, विजिट और बिजनेस वीजा पर अस्थाई रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध जून के मध्य तक लागू रहेगा। बिना रजिस्ट्रेशन हज में शामिल होने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
सऊदी अधिकारियों के अनुसार, 13 अप्रैल 2025 तक ही उमरा वीजा पर देश में प्रवेश की अनुमति होगी। इसके बाद हज समाप्त होने तक कोई नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा। इस साल हज 4 जून से 9 जून तक आयोजित होगा। यदि कोई यात्री नए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसे आगामी पांच वर्षों तक सऊदी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
14 देशों का वीजा सस्पेंड
- 1. भारत
- 2. पाकिस्तान
- 3. बांग्लादेश
- 4. मिस्र
- 5. इंडोनेशिया
- 6. इराक
- 7. नाइजीरिया
- 8. जॉर्डन
- 9. अल्जीरिया
- 10. सूडान
- 11. इथियोपिया
- 12. ट्यूनीशिया
- 13. यमन
- 14. मोरक्को
ज़ा बैन के पीछे की मुख्य वजहें
1. गैरकानूनी हज यात्राओं पर लगाम:
कई यात्री उमरा या विजिट वीजा लेकर आते हैं और फिर बिना रजिस्ट्रेशन हज में भाग लेते हैं। इससे भीड़ बढ़ती है और प्रबंधन प्रभावित होता है।
2. गैरकानूनी रोजगार पर रोक:
कुछ विदेशी नागरिक विजिट या फैमिली वीजा पर सऊदी में अवैध रूप से काम कर रहे थे, जिससे नियमों का उल्लंघन हो रहा था।
3. पूर्व में हुई मौतें:
2024 की हज यात्रा के दौरान गर्मी और भीड़ के कारण करीब 1,200 तीर्थयात्रियों की जान चली गई थी, जिनमें 98 भारतीय शामिल थे।
4. हज कोटा और पंजीकरण व्यवस्था:
भारत का हज कोटा 1.75 लाख है, जिसमें से 70% हज कमेटी और 30% प्राइवेट टूर ऑपरेटर के ज़रिए भेजे जाते हैं। रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन प्रक्रिया से होता है।
5. राजनीति नहीं, सुरक्षा कारण:
सऊदी सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय किसी भी राजनीतिक मतभेद से नहीं, बल्कि तीर्थयात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए लिया गया है।

- वीजा रोक: भारत, पाकिस्तान सहित 14 देशों के उमरा, विजिट और बिजनेस वीजा पर जून के मध्य तक अस्थाई रोक लगाई गई।
- 13 अप्रैल डेडलाइन: उमरा वीजा पर प्रवेश की अंतिम तारीख 13 अप्रैल 2025 तय की गई है।
- 5 साल की बैन चेतावनी: नियम तोड़ने पर सऊदी अरब में अगले पांच वर्षों तक एंट्री प्रतिबंधित की जा सकती है।
- हज कोटा: भारत का 1.75 लाख श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित है; रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन किया गया था।
- सुरक्षा प्राथमिकता: सऊदी सरकार ने स्पष्ट किया कि यह कदम राजनीतिक नहीं, बल्कि हज की सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।