अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में पार्टी नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस की सामाजिक रणनीति पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी वर्षों से दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण समुदायों में उलझी रही, जबकि ओबीसी वर्ग उनसे दूर होता गया। राहुल ने स्पष्ट किया कि मुस्लिमों के अधिकारों की बात करने पर कांग्रेस को ‘मुस्लिम परस्त’ कहा जाता है, लेकिन पार्टी को सच्चाई से डरना नहीं चाहिए।
खड़गे का भाजपा और संघ परिवार पर करारा प्रहार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अधिवेशन के दौरान भाजपा और RSS पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि आज वे संगठन, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं निभाई, वे अब गांधीजी और सरदार पटेल जैसे नेताओं की विरासत का दावा कर रहे हैं।
सरदार पटेल और नेहरू के रिश्ते की दी मिसाल
खड़गे ने सरदार पटेल और नेहरू के मधुर संबंधों पर जोर देते हुए ऐतिहासिक दस्तावेजों का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि 1937 में सरदार पटेल ने खुद नेहरूजी का स्वागत करने की बात कही थी। उन्होंने सरदार द्वारा 1949 में नेहरू के लिए लिखी सराहना भी साझा की।
RSS पर प्रतिबंध और विचारधारा का विरोध
खड़गे ने कहा कि सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि उनकी विचारधारा पूरी तरह RSS के खिलाफ थी। बावजूद इसके आज RSS सरदार की विरासत पर दावा कर रहा है, जो सरासर गलत है।
संविधान के रचयिताओं का अपमान करने का आरोप
खड़गे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गांधीजी और बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तियों को संसद से हटाना उनका अपमान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान और इसके रचयिताओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

- राहुल गांधी का आत्मचिंतन: कांग्रेस ओबीसी से दूर क्यों हो गई, इस पर चिंता जताई गई।
- मुस्लिमों के पक्ष में बोलने से डरने की ज़रूरत नहीं: राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई बोलने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
- खड़गे का RSS और भाजपा पर हमला: गांधी और पटेल की विरासत हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया गया।
- नेहरू और पटेल के घनिष्ठ संबंधों पर जोर: खड़गे ने ऐतिहासिक भाषणों और दस्तावेजों का हवाला देकर रिश्तों को स्पष्ट किया।
- संविधान और मूर्तियों का अपमान: खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गांधी और अंबेडकर का संसद परिसर में अपमान किया है।