राजस्थान के झालावाड़ में पानी की भारी किल्लत के चलते अब मामला सीधा दिल्ली तक पहुंच गया है।
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वहां हालात देखकर नाराज़गी जताई और अफसरों को जनता के सामने ही फटकार लगा दी। उन्होंने कहा – “अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं।”
इस बयान के बाद केंद्र सरकार ने इस पूरे मुद्दे को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि जल जीवन मिशन को लेकर जो सवाल उठे हैं, उनका जवाब जरूरी है।
💬 “क्या सिर्फ अफसरों को प्यास लगती है?” – वसुंधरा की दो टूक
वसुंधरा राजे मंगलवार को झालावाड़ के रायपुर कस्बे में थीं, जहां लोग पानी की दिक्कत को लेकर परेशान थे।
वहीं पर उन्होंने जल जीवन मिशन और जलदाय विभाग के अधिकारियों को मौके पर ही सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
उनका कहना था:
“क्या सिर्फ अफसरों को प्यास लगती है? जनता को नहीं? गर्मी में लोग एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं, और आप सिर्फ कागजों में काम दिखा रहे हो?”
उन्होंने साफ कहा कि पानी सिर्फ फाइलों में नहीं, लोगों के होंठों तक पहुंचना चाहिए।
“42 हजार करोड़ का हिसाब दो” – केंद्र से भी की सीधी बात
राजे ने जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को मिले 42 हजार करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए पूछा कि-
“झालावाड़ को उसका हिस्सा क्यों नहीं मिला? मिला तो कहां गया? सरकार पैसा दे रही है, लेकिन अफसरों की लापरवाही से योजनाएं ज़मीन पर नहीं दिख रहीं।”
उन्होंने पूछा – “अभी अप्रैल में ही हालात ऐसे हैं, तो जून-जुलाई में क्या होगा?”
केंद्र का जवाब: “मामला गंभीर है”
वसुंधरा के इन बयानों के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि मामला गंभीर है और राज्य सरकार से तुरंत रिपोर्ट मंगाई गई है।
उन्होंने माना कि वसुंधरा राजे ने जो सवाल उठाए हैं, वो सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि लोगों की असल तकलीफ से जुड़े हैं।
विपक्ष भी मैदान में, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ली चुटकी
इस पूरे मामले में विपक्ष भी पीछे नहीं रहा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा:
“जब एक पूर्व मुख्यमंत्री ही मजबूर हो गई हों, तो आम जनता की हालत का अंदाजा लगाइए।”
इस बयान ने यह साफ कर दिया कि जल संकट का मुद्दा अब सिर्फ प्रशासनिक नहीं रहा – अब यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है।

- राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ जिले में पानी की किल्लत को लेकर अफसरों की लापरवाही पर नाराज़गी जताई।
- उन्होंने सार्वजनिक रूप से अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा – “अफसर सो रहे हैं, लोग रो रहे हैं।”
- जल जीवन मिशन के तहत राजस्थान को मिले 42,000 करोड़ रुपये का हिसाब मांगते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि योजनाएं ज़मीन पर क्यों नहीं दिख रहीं।
- केंद्र सरकार ने इस पूरे मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है।
- नेता प्रतिपक्ष समेत विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा, जिससे यह प्रशासनिक मामला अब सियासी बहस बन गया है।