साउथ के चर्चित डायरेक्टर गोपीचंद मालिनेनी की बहुप्रतीक्षित एक्शन-ड्रामा फिल्म ‘जाट’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। 2 घंटे 40 मिनट की यह फिल्म दर्शकों को एक भावनात्मक और हिंसक यात्रा पर लेकर जाती है, जहां एक ईमानदार ब्रिगेडियर और एक लालची आतंकी के बीच की टक्कर को दमदार ढंग से पेश किया गया है। फिल्म को 3.5 स्टार की रेटिंग दी गई है, जो इसकी कहानी, एक्टिंग और निर्देशन की ताकत को दर्शाता है।
श्रीलंका से भारत तक की सोने की तस्करी और आतंक की दास्तां
फिल्म की शुरुआत 2009 में श्रीलंका के घने जंगलों से होती है, जहां रणदीप हुड्डा का किरदार रणतुंगा एक पूर्व LTTE सदस्य के रूप में सामने आता है। सोने की ईंटों से भरा संदूक मिलने के बाद उसका लालच और हिंसा की भूख उसे भारत लाती है। दक्षिण भारत में वह अपना आतंकी साम्राज्य स्थापित करता है और निर्दोष लोगों की हत्या करता है। वहीं उसकी राह रोकने आता है सनी देओल का किरदार—ब्रिगेडियर बलदेव प्रताप सिंह उर्फ ‘जाट’—जो न्याय के लिए रणतुंगा से सीधी भिड़ंत लेता है।
सनी देओल और रणदीप हुड्डा की दमदार परफॉर्मेंस
सनी देओल इस फिल्म में एक बार फिर अपनी ‘ढाई किलो के हाथ’ की दमदार मौजूदगी से छा गए हैं। उनका किरदार ईमानदारी, साहस और फौजी दृढ़ता का प्रतीक है। रणदीप हुड्डा ने अपने नकारात्मक किरदार को बखूबी निभाया है, जिसमें सत्ता, धन और प्रतिशोध की भूख शामिल है। रेजिना कैसंड्रा, सैयामी खेर और विनीत कुमार सिंह जैसे सितारों ने भी अपने-अपने रोल में जान डाल दी है।
शानदार निर्देशन और तकनीकी पक्ष
फिल्म का निर्देशन और स्क्रीनप्ले गोपीचंद मालिनेनी ने खुद किया है, जो कहानी को एक मजबूत गति देता है। सिनेमैटोग्राफी में दक्षिण भारत और श्रीलंका के दृश्य बहुत ही प्रभावशाली तरीके से दिखाए गए हैं। हर एक्शन सीक्वेंस में हिंसा जरूर है, लेकिन उसके पीछे छिपे इमोशनल लेयर को भी बारीकी से दिखाया गया है।
म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर है प्रभावशाली
‘ओ राम श्रीराम’ गीत के साथ सनी देओल की एंट्री फिल्म को खास बनाती है। उर्वशी रौतेला पर फिल्माया गया ‘सॉरी बोल’ गाना फिल्म में एनर्जी भर देता है। बैकग्राउंड स्कोर कहानी की गंभीरता और तनाव को और गहराता है।
देखना चाहिए या नहीं?
फिल्म की कहानी में कहीं न कहीं ‘रामायण’ की प्रेरणा साफ झलकती है। रणतुंगा रावण की तरह लालची और निर्दयी है, जबकि जाट राम जैसे आदर्श योद्धा। ऐसे में अगर आप एक्शन, इमोशन और पौराणिक तत्वों से जुड़ी फिल्में पसंद करते हैं, तो ‘जाट’ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

- सनी देओल की दमदार वापसी एक ब्रिगेडियर के रूप में, जिसने ‘ढाई किलो के हाथ’ की ताकत से फिर दिल जीता।
- रणदीप हुड्डा का खलनायक रूप फिल्म में गहराई और जटिलता लाता है।
- गोपीचंद मालिनेनी का निर्देशन और कहानी आधुनिक पौराणिक कथा जैसा एहसास देता है।
- फिल्म के एक्शन और इमोशनल सीन्स का संतुलन दर्शकों को बांधे रखता है।
- म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की कहानी को और प्रभावशाली बनाते हैं।