Monday, April 28, 2025
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ईपीएफओ ने ब्याज दर में नहीं किया कोई बदलाव, इस साल भी मिलेगा 8.25 फीसदी ब्याज, फायदा होने की उम्मीदें टूटी 

ईपीएफओ ने 2024-25 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.25 फीसदी पर बनाए रखी है, जो पिछले साल के बराबर है। इस स्थिर ब्याज दर के फैसले से सात करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को फायदा होगा, लेकिन बढ़ती महंगाई के बीच लोग दर में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। ईपीएफओ ने 2.05 लाख करोड़ रुपये के दावे संसाधित किए।

नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) बोर्ड ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि पर ब्याज दर को 8.25 फीसदी पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। इस फैसले से उन 7 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को निराशा हो सकती है, जिन्होंने बढ़ती महंगाई और आर्थिक दबाव के बीच ब्याज दर में वृद्धि की उम्मीद की थी। हालाकि यह भी माना जा रहा है कि बोर्ड ने ब्याज दर को बरकरार रख कर राहत भी देने की कोशिश की है।

पिछले साल 8.25 फीसदी थी ब्याज दर

ईपीएफओ ने पिछले वित्तीय वर्ष 2024 के लिए 8.25 फीसदी की ब्याज दर तय की थी, जो तीन साल का सबसे उच्चतम स्तर था। इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2023 में ब्याज दर 8.15 फीसदी थी, और वित्तीय वर्ष 2022 में यह 8.10 फीसदी थी। ब्याज दरों में यह स्थिरता, खासकर आर्थिक संकट और महंगाई के दौर में, कुछ के लिए एक निराशाजनक कदम हो सकता है।

ईपीएफओ ब्याज दर का इतिहास

ईपीएफओ ब्याज दर का इतिहास

📊ईपीएफओ ब्याज दरों में बदलाव

ईपीएफओ ब्याज दरों में समय-समय पर उतार-चढ़ाव देखा गया है:

2013-14: 8.75%

2014-15: 8.75%

2015-16: 8.8%

2018-19: 8.65%

2019-20: 8.5%

2021-22: 8.1%

वर्तमान दर: 8.25%, जो स्थिरता को दर्शाता है।

ईपीएफओ के ब्याज दरों में ऐतिहासिक बदलाव

इतिहास में ईपीएफओ ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। उदाहरण के लिए, 2013-14 में यह दर 8.75 फीसदी, 2014-15 में भी 8.75 फीसदी, और 2015-16 में 8.8 फीसदी रही थी। इसके बाद, 2018-19 में 8.65 फीसदी, 2019-20 में 8.5 फीसदी, और 2021-22 में 8.1 फीसदी तक घट गई थी। वर्तमान में 8.25 फीसदी की दर पर स्थिरता बनी हुई है।

दावों का आंकड़ा बढ़ा

ईपीएफओ ने 2024-25 में 2.05 लाख करोड़ रुपये के 50.8 मिलियन दावों को संसाधित किया। यह 2023-24 में 1.82 लाख करोड़ रुपये के 44.5 मिलियन दावों से अधिक था। यह वृद्धि ईपीएफओ के बढ़ते ग्राहकों और उनकी जरूरतों को दर्शाती है। 2023-24 के लिए 8.25 फीसदी की ब्याज दर 1.07 लाख करोड़ रुपये की आय पर आधारित थी, जो 13 लाख करोड़ रुपये के मूलधन पर अब तक की सबसे अधिक आय थी।

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