भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीते सप्ताह जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, 4 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह में देश का फॉरेक्स रिजर्व 10.9 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 676.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। मार्च 2025 के अंतिम सप्ताह के मुकाबले यह उछाल 7.9 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो भारतीय मुद्रा को वैश्विक दबाव से सुरक्षित रखने की नीति की पुष्टि करता है।
FCA में 9.1 अरब डॉलर की वृद्धि, डॉलर के मुकाबले यूरो हुआ मजबूत
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा योगदान Foreign Currency Assets (FCA) का है, जो एक सप्ताह में 9.1 अरब डॉलर बढ़कर 574.09 अरब डॉलर तक पहुंच गया। FCA में यह उछाल मुख्यतः डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं जैसे यूरो, येन और पाउंड के मूल्य में आई मजबूती और उनके पुनर्मूल्यांकन (valuation effect) के कारण हुआ है।
गोल्ड रिजर्व में भी मजबूती, एसडीआर और IMF कोष में इजाफा
भारतीय फॉरेक्स रिजर्व में सोने का भंडार (Gold Reserves) भी लगातार बढ़ रहा है। इस सप्ताह यह 1.567 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 79.36 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसके साथ ही Special Drawing Rights (SDR) की वैल्यू भी 186 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.362 अरब डॉलर हो गई है। वहीं, भारत का IMF में आरक्षित भंडार 46 मिलियन डॉलर की बढ़त के साथ 4.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वैश्विक टैरिफ वॉर से डॉलर कमजोर, आरबीआई ने उठाया लाभ
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजारों में डॉलर में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नए टैरिफ लागू करने के फैसलों से प्रेरित है। डॉलर के कमजोर होने का लाभ उठाते हुए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार को और अधिक मजबूत किया। इससे देश की भुगतान संतुलन (Balance of Payments) को स्थिर बनाए रखने में मदद मिली है।
पाकिस्तान का रिजर्व भी बढ़ा, लेकिन भारत से काफी पीछे
इस पूरे घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी 2.3 करोड़ डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के मुताबिक, उनका कुल फॉरेक्स रिजर्व अब 15.75 अरब डॉलर हो गया है, जो भारत के मुकाबले बेहद कम है लेकिन स्थानीय संदर्भ में सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अप्रैल 2025 को समाप्त सप्ताह में 10.9 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 676.3 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।
- विदेशी मुद्रा संपत्तियों (FCA) में 9.1 अरब डॉलर की वृद्धि देखी गई, जो कुल रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा है।
- गोल्ड रिजर्व भी 1.567 अरब डॉलर बढ़कर 79.36 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया, साथ ही SDR और IMF रिजर्व में भी इजाफा हुआ।
- डॉलर में वैश्विक गिरावट और गैर-डॉलर संपत्तियों के पुनर्मूल्यांकन से यह उछाल संभव हुआ है।
- अमेरिका-चीन टैरिफ वॉर और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच RBI की रणनीति ने भारत को स्थिर मुद्रा रिजर्व बनाए रखने में मदद दी है।