लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को एक ऐसा मानवीय और भावुक पल साझा किया, जो न सिर्फ एक वादा निभाने की मिसाल बना, बल्कि शहादत के रिश्ते को भी जीवंत कर गया। मौका था पुलवामा हमले में शहीद हेमराज मीणा की बेटी की शादी का। बिरला, जिन्होंने 2019 में शहादत के बाद वीरांगना मधुबाला को राखी बहन मानकर हर सुख-दुख में साथ देने का वादा किया था, अब उस वचन को निभाते हुए शादी में मायरा लेकर पहुंचे।
सांगोद में आयोजित विवाह समारोह में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर भी बिरला के साथ मौजूद रहे। दोनों ने पारंपरिक रस्मों के तहत मधुबाला को मायरा पहनाया। ओम बिरला ने उन्हें चुनरी ओढ़ाई और मधुबाला ने उन्हें तिलक कर आरती की। इस मौके पर शहीद हेमराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए सभी भावुक हो उठे।
छह वर्षों से निभ रहा है भाई-बहन का यह अनमोल रिश्ता
वीरांगना मधुबाला पिछले छह वर्षों से रक्षाबंधन पर ओम बिरला को राखी बांधती रही हैं। बिरला ने शहादत के बाद परिवार को हर तरह से संबल और सम्मान दिया है। बेटी की शादी में मायरा लेकर आना, सिर्फ एक रस्म नहीं बल्कि उस रिश्ते की गहराई को दर्शाता है जो शहादत के बाद पनपा।
समारोह में शामिल लोगों की आंखें इस भावुक पल में भर आईं। मायरे की रस्म के दौरान मधुबाला और उनके परिजन शहीद हेमराज को याद कर खुद को रोक नहीं सके।
सामाजिक न्याय को लेकर महात्मा फुले जयंती पर दिया संदेश
विवाह समारोह के अलावा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा के नयापुरा स्थित महाराव उम्मेद सिंह स्टेडियम में महात्मा ज्योतिबा फुले और डॉ. भीमराव आम्बेडकर की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भी शिरकत की।
बिरला ने कहा कि महात्मा फुले ने शिक्षा को सामाजिक बदलाव का हथियार बनाया और असमानता के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने बताया कि आज वंचित वर्गों के लिए जो योजनाएं संचालित हैं, उनका लाभ हर अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए।
बिरला ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक शिक्षा, अधिकार और आत्मनिर्भरता समाज के हर कोने तक नहीं पहुंचती, विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा।