Monday, April 28, 2025
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नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल की मुश्किलें बढ़ीं: ईडी ने शुरू की संपत्तियों पर कब्जे की कानूनी प्रक्रिया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में एक निर्णायक कदम उठाते हुए सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा जमाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग रूल्स, 2013 के नियम 5 के तहत हो रही है, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में संपत्तियों के नियंत्रण और हस्तांतरण से जुड़ा कानूनी प्रावधान है। इस कार्रवाई का आधार PMLA, 2002 की धारा 8 के अंतर्गत Adjudicating Authority द्वारा संपत्तियों की अस्थायी कुर्की की पुष्टि है।

तीन बड़े शहरों में भेजे गए संपत्ति जब्ती के नोटिस

11 अप्रैल 2025 को ईडी ने देश के तीन प्रमुख शहरों — दिल्ली, मुंबई और लखनऊ — के संपत्ति रजिस्ट्रारों को औपचारिक नोटिस भेजे। ये संपत्तियां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के नाम पर हैं, जो यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए अधिग्रहित की गई थीं। इस कंपनी के प्रमुख लाभार्थियों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं। यहीं से प्रवर्तन निदेशालय का संदेह शुरू होता है कि इस पूरी प्रक्रिया में आर्थिक अनियमितता और आपराधिक मनी लॉन्ड्रिंग हुई है।

मुंबई के ‘हेराल्ड हाउस’ पर भी कसा शिकंजा

मुंबई के बांद्रा (पूर्व) स्थित ‘हेराल्ड हाउस’ की तीन मंज़िलों पर फिलहाल जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का कब्जा है, जिसे ईडी ने रूल 5(3) के तहत नोटिस जारी किया है। इस कंपनी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वह आगे से किराए की कोई भी राशि भवन स्वामी को न देकर सीधे ईडी के पास जमा करे। यह कदम संपत्ति पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

988 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से जुड़े दस्तावेज़ और अचल संपत्तियां

ईडी की जांच के अनुसार, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के माध्यम से 988 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। इसमें 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां और 90.2 करोड़ रुपये के शेयर शामिल हैं। 20 नवंबर 2023 को इन सभी संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया गया था। इस अटैचमेंट की पुष्टि 10 अप्रैल 2024 को Adjudicating Authority ने की, जिससे ईडी को आगे कार्रवाई करने का अधिकार मिला।

2014 से चल रहे मामले ने 2021 में पकड़ी रफ्तार

इस मामले की शुरुआत 2014 में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी शिकायत से हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन नाम की एक कंपनी के ज़रिए मात्र 50 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां हड़पी गईं। इस शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप था। ईडी ने इस शिकायत के आधार पर 2021 में जांच शुरू की, जो अब मुकम्मल कार्रवाई के दौर में प्रवेश कर चुकी है।

सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ी

नेशनल हेराल्ड केस अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप से निकलकर एक गंभीर कानूनी लड़ाई में तब्दील हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय की यह ताज़ा कार्रवाई सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ा सकती है। जिस तरह से संपत्तियों पर कब्जा जमाने की प्रक्रिया तेज़ हुई है, उससे साफ है कि मामला अब अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। आने वाले दिनों में यह केस भारतीय राजनीति की दिशा और चर्चाओं को गहराई से प्रभावित कर सकता है।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक

  1. प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों पर कब्जा जमाने की प्रक्रिया शुरू की।
  2. दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रारों को औपचारिक नोटिस भेजे गए।
  3. मुंबई के हेराल्ड हाउस के किराएदार को किराया अब ईडी के पास जमा कराने का आदेश।
  4. जांच में 988 करोड़ रुपये की आपराधिक मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई।
  5. केस की शुरुआत 2014 में हुई थी, और अब यह कानूनी मोर्चे पर निर्णायक चरण में है।
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