बिहार विधानसभा चुनावों से महज छह महीने पहले विपक्षी दलों ने अपनी रणनीतिक बिसात बिछानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के फॉर्मूले और महागठबंधन की मजबूती पर चर्चा करना है।
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बैठक की पुष्टि करते हुए इसे औपचारिक लेकिन गंभीर सियासी मंथन बताया। उन्होंने कहा, “आरजेडी कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी रही है, और यह बैठक बिहार की पूरी राजनीतिक परिपाटी को ध्यान में रखते हुए हो रही है।”
गठबंधन का दबाव और संतुलन की चुनौती
बैठक के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस इस बार भी 70 विधानसभा सीटों पर दावा कर सकती है, जैसा कि उसने पिछली बार किया था। वहीं, आरजेडी करीब 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। लेकिन यह संतुलन बैठाना आसान नहीं है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “हमारा लक्ष्य सिर्फ सीट जीतना नहीं, बल्कि OBC, दलित, मुस्लिम और महिला वोटरों की आवाज को भी प्रतिनिधित्व देना है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हर वर्ग की अपेक्षाएं पूरी हों, और कोई असंतोष न पनपे।”
कांग्रेस का फोकस ‘वोट बैंक विस्तार’ पर
कांग्रेस को बिहार में अभी भी आधार मजबूत करने की ज़रूरत है। ऐसे में उसका जोर इस बार नए सामाजिक वर्गों तक पहुंच बनाने पर है। वहीं, तेजस्वी यादव के सामने यह चुनौती है कि वे गठबंधन के अन्य दलों को भी साथ लेकर चलें और मुख्यमंत्री पद के सबसे प्रबल चेहरे के रूप में खुद को स्थापित करें।
खड़गे और तेजस्वी की यह मुलाकात ना सिर्फ सीटों का बंटवारा तय करेगी, बल्कि इससे यह भी साफ होगा कि महागठबंधन का नेतृत्व किस दिशा में बढ़ेगा और कौन-कौन से दल उसमें वर्चस्व बनाए रख पाएंगे।
महागठबंधन के सामने बड़ी चुनौती
भाजपा की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, चिराग पासवान की लोजपा, जीतनराम मांझी की हम पार्टी, और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा—सभी मिलकर NDA को सामाजिक आधार और जातीय संतुलन देने की तैयारी में हैं।
वहीं, महागठबंधन की ओर से कांग्रेस, RJD और वामदलों का एक संयुक्त मोर्चा बनेगा। लेकिन जातीय समीकरण, वर्गीय प्रतिनिधित्व और सीट बंटवारे में सामंजस्य बनाना इस गठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
वक्फ एक्ट जैसे मुद्दों पर भी होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, खड़गे और तेजस्वी की बैठक में हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी बात हो सकती है। कांग्रेस इस मुद्दे को भाजपा के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है।
बक्सर में 20 अप्रैल को खड़गे की प्रस्तावित जनसभा को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जहां वे भाजपा की नीतियों पर सीधे सवाल उठा सकते हैं।

- दिल्ली में आज तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की, जिसमें बिहार चुनाव को लेकर सीट बंटवारे की रणनीति पर मंथन हुआ।
- यह बैठक विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ के लिए अहम मानी जा रही है, जहां कांग्रेस और राजद के बीच तालमेल को मजबूती देने पर जोर दिया गया।
- सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस बार भी बिहार में 70 सीटों पर दावा कर सकती है, जबकि आरजेडी लगभग 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना में है।
- बातचीत में वक्फ अधिनियम जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की संभावना जताई गई है, जिससे विपक्ष भाजपा पर एकजुट हमला कर सके।
- कांग्रेस अध्यक्ष 20 अप्रैल को बक्सर में जनसभा भी करेंगे, जिससे चुनावी रणनीति और माहौल को और धार देने की कोशिश होगी।