Monday, April 28, 2025
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क्या है नेशनल हेराल्ड मामला? मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने राहुल-सोनिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस से जुड़े अन्य नेताओं के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा और वरिष्ठ पत्रकार सुमन दुबे के नाम भी शामिल हैं। कोर्ट ने इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की है, जिससे देश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है।

कैसे शुरू हुआ National Herald case?

इस पूरे मामले की शुरुआत 2012 में हुई जब बीजेपी नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाए कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अवैध अधिग्रहण किया। उन्होंने दावा किया कि यह साजिश 2000 करोड़ रुपये की मूल्यवान संपत्ति—दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस—पर कब्जा करने के लिए की गई। उनके अनुसार, यंग इंडियन को एजेएल की पूरी संपत्ति हस्तांतरित कर दी गई और इसके पीछे कांग्रेस का सीधा हाथ था।

AJL की विरासत और यंग इंडियन का गठन

1938 में जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार को चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने 2011 में 90 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाने के नाम पर एक कर्ज दिया। इसके बाद पांच लाख रुपये से यंग इंडियन लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई गई जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 24% शेयर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थे। इसके बाद एजेएल के करोड़ों के शेयर यंग इंडियन को स्थानांतरित कर दिए गए।

ईडी के आरोप: मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध संपत्ति हस्तांतरण

ईडी ने दावा किया है कि इस पूरी योजना के जरिए 2,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति को कब्जे में लिया गया और इसमें 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। जांच में यह सामने आया कि एजेएल के पास दिल्ली, लखनऊ और मुंबई समेत कई शहरों में 661.69 करोड़ की संपत्ति है, जिसे कथित तौर पर अपराध की आय के रूप में यंग इंडियन को हस्तांतरित किया गया। राहुल गांधी उस समय न केवल कांग्रेस के महासचिव थे, बल्कि यंग इंडियन के निदेशक भी थे।

कांग्रेस का बचाव: नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी, कोई मुनाफा नहीं

कांग्रेस ने लगातार इन आरोपों को खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि यह एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी है जो किसी भी तरह का मुनाफा, डिविडेंड या शेयर बिक्री नहीं कर सकती। उन्होंने दावा किया कि 90 करोड़ की रकम एक कर्ज के तौर पर AJL को दी गई थी ताकि कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों का भुगतान किया जा सके। पार्टी का यह भी कहना है कि यंग इंडियन के माध्यम से AJL की हिस्सेदारी सिर्फ तकनीकी प्रक्रिया का हिस्सा थी और इसमें कोई वित्तीय लाभ नहीं लिया गया।

 Nationalbreaking.com । नेशनल ब्रेकिंग - सबसे सटीक
  1. ईडी ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
  2. आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 5 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ की संपत्ति पर नियंत्रण पा लिया।
  3. जांच में सामने आया कि संपत्तियों की कीमत 661.69 करोड़ से अधिक है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ी गई है।
  4. कांग्रेस का दावा है कि यंग इंडियन एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है जिससे किसी नेता को कोई वित्तीय लाभ नहीं हुआ।
  5. सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की गई है, जिससे केस की गंभीरता और बढ़ गई है।
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