राजस्थान में चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने की योजना पर भाजपा सरकार द्वारा रोक लगाए जाने पर सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे महिला सशक्तिकरण के खिलाफ बताते हुए इस फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया। उन्होंने गुजरात सरकार से सूरत आगजनी में प्रभावित राजस्थान के व्यापारियों की मदद की अपील भी की।
नेशनल ब्रेकिंग: राजस्थान में चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने की योजना पर भाजपा सरकार की रोक के बाद राजनीतिक बहस तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस फैसले को महिला सशक्तिकरण के खिलाफ बताया है।
गहलोत का आरोप: योजना को बिना वजह रोका गया
अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने 35 लाख महिलाओं को पहले चरण में स्मार्टफोन वितरित किए थे, लेकिन नई सरकार ने इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया। गहलोत ने कहा कि 1 करोड़ 19 लाख चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को स्मार्टफोन देने की घोषणा राज्य बजट में मंजूर की गई थी। यह योजना महिलाओं को डिजिटल माध्यमों से जोड़ने और शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए थी।
संविधान का उल्लंघन बताई योजना पर रोक
गहलोत ने कहा कि सरकार द्वारा इस योजना को बंद करना संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) का उल्लंघन है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि इस योजना को ‘रेवड़ी संस्कृति’ कहकर बदनाम किया जा रहा है, जबकि यह रिसर्च और एविडेंस बेस्ड योजना थी।
गुजरात सरकार को लिखा पत्र
गहलोत ने सूरत के शिवशक्ति टैक्सटाइल मार्केट में आग लगने की घटना पर चिंता जताई। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थान के प्रभावित व्यापारियों की मदद की मांग की। साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री से भी अपील की कि वे गुजरात सरकार से संपर्क कर व्यापारियों की सहायता सुनिश्चित करें।