शुक्रवार की देर रात करीब ढाई बजे दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में चार मंजिला इमारत अचानक गिर गई। इमारत के गिरते ही आसपास अफरा-तफरी मच गई। लोग चीखते-चिल्लाते बाहर निकले, पर जो अंदर फंसे थे, उनका कोई सुराग नहीं मिला। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीमें पहले लोगों को निकालने में जुट गईं। हादसा इतना बड़ा था कि पूरी बिल्डिंग मलबे में तब्दील हो गई।
अब तक 11 लोगों की मौत, रेस्क्यू अभी भी जारी
हादसे के बाद 14 लोगों को तुरंत जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान इनमें से 11 की मौत हो चुकी है। अब भी 10 से ज्यादा लोग मलबे में फंसे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन 17 घंटे से लगातार चल रहा है। दिल्ली पुलिस और NDRF की टीमें मिलकर हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं कि जितने ज्यादा लोग बचाए जा सकें, बचाए जाएं।
तेज बारिश और तूफान से गिरी इमारत?
शुक्रवार रात दिल्ली में अचानक मौसम बदल गया। तेज आंधी-तूफान और बारिश ने कई इलाकों को नुकसान पहुंचाया। माना जा रहा है कि इसी वजह से मुस्तफाबाद की यह कमजोर और पुरानी इमारत जमींदोज हो गई। इलाके के लोगों का कहना है कि बिल्डिंग पहले से ही जर्जर हालत में थी और उसे खाली करवा देना चाहिए था।
स्थानीय विधायक ने MCD पर लगाए आरोप
मुस्तफाबाद से विधायक और दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर MCD को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ये इमारत खतरे में है, लेकिन MCD और एलजी ने ध्यान नहीं दिया। इलाके में कई अवैध और कमजोर इमारतें हैं, जिन पर कोई निगरानी नहीं है।” उन्होंने मृतकों के परिवार को मुआवजा देने का एलान भी किया।
ऐसा हादसा पहले भी हो चुका है
ये कोई पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह की घटना हुई हो। 11 अप्रैल को भी मधु विहार इलाके में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार तेज आंधी में गिर गई थी। उसमें एक की मौत और दो लोग घायल हुए थे। इससे साफ है कि कमजोर इमारतें और लापरवाही मिलकर जानलेवा साबित हो रही हैं।

- मुस्तफाबाद में शुक्रवार रात ढाई बजे चार मंजिला इमारत गिर गई।
- अब तक 11 लोगों की मौत, 10 से ज्यादा लोग मलबे में फंसे हुए हैं।
- 17 घंटे से NDRF और दिल्ली पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
- हादसे की वजह तेज बारिश और तूफान मानी जा रही है।
- विधायक ने MCD पर लापरवाही और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।