राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश प्रजापति एनकाउंटर का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में दो आईपीएस अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने के आदेश दिए है। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में तत्कालीन राजस्व मंत्री और मौजूदा बायतू विधायक हरिश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी और तत्कालीन आईजी नवज्योति गोगोई की भूमिका की भी जांच के आदेश दिए हैं।
आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी और अब दो महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। कोर्ट के आदेश के बाद आईपीएस तत्कालीन पाली एसपी कालूराम रावत और बाड़मेर एसपी आनंद शर्मा समेत 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस चलेगा।
गौरतलब है कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ मृतक कमलेश की पत्नी जशोदा ने याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया गया।
क्या है मामला
बाड़मेर में एससी-एसटी सेल के तत्कालीन डीएसपी पुष्पेंद्र आढ़ा के नेतृत्व में 22 अप्रैल 2021 को कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर हुआ था। इसके अगले दिन आढ़ा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि पुलिस कमलेश प्रजापत को पकड़ने गई थी। इस दौरान उसने पुलिस पर जानलेवा हमला किया, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। जिसमें पुलिस ने करीब 60 लाख रुपए, 11 गाड़ियां, 5 अवैध पिस्टल और 9 मैगजीन समेत 121 कारतूस व मादक पदार्थों की बरामदगी बताइ थी।
इस मामले ने उस समय राजनीतिक तूल पकड़ लिया जब तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी पर भी संलिप्तता के आरोप सामने आए।
सीबीआई को सौंपी गई जांच
कमलेश की मौत के बाद परिजनों, ग्रामीणों और समाज के लोगों में भारी आक्रोश बढ़ गया। कमलेश का शव परिजनों को नहीं दिया गया, पुलिस ने बिना अनुमति के अंतिम संस्कार कर दिया। लोगों के आक्रोश को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी।
मामले में जांच के दौरान कई लोगों ने बयान दिया कि कमलेश को पहले ही पकड़ लिया गया था और बाद में मुठभेड़ में मार गिराया गया।
सीबीआई की रिपोर्ट के खिलाफ याचिका
मामले की जांच के बाद सीबीआई ने इसकी क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसमें परिवार के फर्जी एनकाउंटर के दावे को खारिज कर दिया गया। इसके खिलाफ कमलेश प्रजापत की पत्नी जशोदा ने याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने अब फैसला सुनाया है।

- राजस्थान के बायतू में 2021 में हुए कमलेश प्रजापति एनकाउंटर केस में जोधपुर कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है।
- कोर्ट ने दो IPS अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया।
- कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट खारिज करते हुए दो महीने में दोबारा जांच रिपोर्ट मांगी है।
- पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक हरीश चौधरी की भूमिका की भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
- एनकाउंटर से जुड़े सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए आगे की जांच पर जोर दिया।