अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल को निशाना बनाने के बाद अमेरिकी वित्तीय बाजारों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। सोमवार को S&P 500 इंडेक्स में 2.36% की गिरावट दर्ज की गई, जो 2025 में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। वहीं, टेक कंपनियों पर आधारित NASDAQ कंपोजिट इंडेक्स में 2.55% तक की गिरावट आई, जिससे यह साल की शुरुआत से अब तक करीब 18% नीचे आ चुका है।
डॉलर फिसला तीन साल के निचले स्तर पर
डॉलर इंडेक्स सोमवार को 97.92 तक गिर गया, जो तीन वर्षों में सबसे निचला स्तर है। यूरो, येन और स्विस फ्रैंक जैसी बड़ी वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की गिरावट ने मुद्रा बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी है। डॉलर में कमजोरी का असर न केवल आयात-निर्यात पर पड़ेगा बल्कि वैश्विक निवेश धाराओं और कैपिटल फ्लो को भी प्रभावित कर सकता है।
बॉन्ड मार्केट में भी दिखा दबाव
10-वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड यील्ड 4.4% के पार पहुंच गई है, जो इस बात का संकेत है कि निवेशक सेफ हेवेन एसेट्स से बाहर निकल रहे हैं। इसका कारण यह है कि आर्थिक अनिश्चितता के बीच अब निवेशक पूंजी को लिक्विड या वैल्यू-जनरेटिंग एसेट्स में शिफ्ट कर रहे हैं।
ट्रंप की आलोचना और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर जेरोम पावेल को ‘Major Loser’ और ‘Mr. Too Late’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे पावेल को पद से हटाने के कानूनी विकल्पों पर अपनी टीम के साथ विचार कर रहे हैं।
एशियाई बाजारों में भी दिखा असर
मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों ने भी अमेरिकी बाजार की सुस्ती को फॉलो किया।
- जापान का निक्केई 225 में 0.8% की गिरावट
- हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स में 0.6%
- ताइवान का Taiex इंडेक्स में 0.5% गिरावट
ये संकेत हैं कि अमेरिकी राजनीतिक हस्तक्षेप का असर अब ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स पर भी स्पष्ट रूप से दिखने लगा है।