जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अब जांच की जिम्मेदारी संभाल ली है और घटनास्थल पर पहुंचकर तहकीकात शुरू कर दी है। शुरुआती सुरागों से यह सामने आया है कि इस हमले को पाकिस्तानी और स्थानीय कश्मीरी आतंकियों ने मिलकर अंजाम दिया। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के स्कैच जारी कर दिए हैं। इनके नाम अबु तल्हा, सुलेमान शाह और आसिफ फौजी बताए गए हैं।
रेकी कर चुना गया बैसरन, जहां नहीं थी सुरक्षा की तैनाती
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की रेकी की थी और जानबूझकर बैसरन क्षेत्र को चुना, क्योंकि वहां सुरक्षाबलों की मौजूदगी नहीं थी। इससे उन्हें न केवल हमला करने में आसानी हुई बल्कि बाद में भागने का समय भी मिल गया।
बॉडीकैम से की गई शूटिंग, लोगों को चुन-चुनकर मारा गया
हमलावर आतंकियों ने बॉडीकैम पहन रखे थे, जिससे पूरी घटना को रिकॉर्ड किया गया। जांच में सामने आया है कि तीन आतंकियों ने पहले महिलाओं और पुरुषों को अलग किया और फिर कुछ को दूर से तो कुछ को पास से गोली मारी। ज़्यादातर मौतें भारी खून बहने की वजह से हुईं।
घने जंगलों में बनाए ठिकाने, NIA की जांच में हाई-टेक तकनीक का इस्तेमाल
हमले के बाद आतंकियों ने जंगलों में अपने ठिकाने बना लिए। स्थानीय आतंकियों की मदद से उन्होंने शायद अपनी लोकेशन भी बदल ली है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अब उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। खास तौर पर foliage penetrating radar का उपयोग किया जा रहा है, जिससे घने जंगलों में छिपे आतंकियों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके।
मोबाइल डेटा से आतंकियों की पहचान की कोशिश, NIA की टीम मौके पर
पुलिस ने टेलीकॉम कंपनियों से संपर्क कर उस क्षेत्र के एक्टिव मोबाइल नंबर्स की जानकारी मांगी है ताकि आतंकियों की पहचान और मूवमेंट का सुराग मिल सके। सुरक्षाबलों का ऑपरेशन खत्म होने के बाद एनआईए की टीम घटनास्थल पर पहुंची है और हर बिंदु पर गहराई से जांच की जा रही है।