जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन तेज़ कर दिया है। पिछले 24 घंटे में यह तीसरी मुठभेड़ है जो उधमपुर जिले के डूडू बसंतगढ़ क्षेत्र में जारी है। सुरक्षाबलों ने इलाके को पूरी तरह से घेर लिया है और आतंकियों के खिलाफ एक सटीक अभियान चलाया जा रहा है।
इस मुठभेड़ के दौरान एक सेना का जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अब तक आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन अभियान लगातार जारी है।
बांदीपोरा में लश्कर-ए-तैयबा के चार OGW गिरफ्तार
इस बीच, बांदीपोरा पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े चार ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) को गिरफ्तार किया है, जो स्थानीय पुलिस और बाहरी नागरिकों पर हमले की साजिश रच रहे थे। गुप्त सूचना के आधार पर जिले में कई स्थानों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया गया।
नाकाबंदी के दौरान मोहम्मद रफीक खांडे और मुख्तार अहमद डार को पकड़ा गया। उनके पास से दो चीनी हैंड ग्रेनेड, एक 7.62 एमएम मैगजीन और 30 राउंड कारतूस बरामद हुए।
एक अन्य अभियान में, पुलिस ने CRPF और 13 RR के साथ मिलकर सदुनारा अजास में भी नाकाबंदी की। यहां से रईस अहमद डार और मोहम्मद शफी डार को गिरफ्तार किया गया। इनसे भी हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
कुलगाम के तंगमर्ग वन क्षेत्र में भी तलाशी अभियान जारी
23 अप्रैल की शाम कुलगाम जिले के तंगमर्ग इलाके में भी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। आतंकियों ने एक घर में शरण ली थी, जिसे चारों ओर से घेर लिया गया। अभी भी तंगमर्ग वन क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है।
LoC के पास बारामूला में घुसपैठ की कोशिश नाकाम
इसी दिन सुबह बारामूला जिले के उरी सेक्टर में भी सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान की ओर से की गई घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। सेना ने दो आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया। सेना के मुताबिक, वहां 2 से 3 आतंकवादी सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे।
इन आतंकियों के पास से दो असॉल्ट राइफलें, भारी मात्रा में गोला-बारूद, पाकिस्तानी करेंसी, खाने-पीने का सामान और सिगरेट के पैकेट बरामद हुए हैं, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि वे लंबे ऑपरेशन की तैयारी में थे।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ था बड़ा आतंकी हमला
सिर्फ दो दिन पहले यानी 22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चल रहा है। सुरक्षाबल किसी भी गतिविधि को नजरअंदाज नहीं कर रहे और हर संदिग्ध तत्व पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।