शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को लेकर अपना पक्ष रखते हुए साफ़ किया कि वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं है, बल्कि एक वैधानिक निकाय है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज की जाएं। सरकार ने कहा कि संसद द्वारा पारित किसी कानून की संवैधानिकता की समीक्षा हो सकती है, लेकिन अदालतें वैधानिक प्रावधानों पर सीधे रोक नहीं लगा सकतीं।
मूल अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं, सिर्फ़ प्रबंधन का सवाल
सरकार ने जोर देकर कहा कि इस कानून से किसी की धार्मिक आज़ादी पर कोई असर नहीं पड़ता। बदलाव केवल प्रबंधन और पारदर्शिता को लेकर किए गए हैं। यह सिर्फ़ सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों का ठीक ढंग से देखरेख हो और उनका दुरुपयोग न हो।
18 लाख एकड़ से बढ़कर 39 लाख एकड़ हो गई वक्फ संपत्ति
केंद्र के हलफनामे में यह भी बताया गया कि 2013 के बाद वक्फ संपत्तियों में लगभग 21 लाख एकड़ की बेतहाशा वृद्धि हुई है। पहले जहां वक्फ की संपत्ति करीब 18.29 लाख एकड़ थी, वहीं अब यह 39 लाख एकड़ के करीब पहुंच गई है। सरकार का कहना है कि कई जगह निजी और सरकारी ज़मीन पर भी वक्फ का दावा किया गया है, जो गलत है।
संविधान के दायरे में संसद का हक, कानून पर रोक उचित नहीं
हलफनामे में केंद्र ने कहा कि संसद को अपने अधिकार क्षेत्र में काम करने का पूरा हक है। संसद ने संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों के बाद इस कानून को पास किया, जिसमें व्यापक चर्चा हुई। सरकार का कहना है कि अदालत बिना पक्ष सुने कानून पर रोक नहीं लगा सकती।
कोर्ट ने जताई हिंसा पर चिंता, सख्त टिप्पणी की
इससे पहले 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने देशभर में वक्फ कानून के विरोध में हो रही हिंसा पर चिंता जताई थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि हिंसा के आधार पर सरकार पर दबाव नहीं बनाया जा सकता। कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि अब वक्फ बोर्ड में हिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा, जो अधिकारों का उल्लंघन है। इस पर कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या वह मुसलमानों को भी हिंदू ट्रस्टों में शामिल करने की अनुमति देगी।
AIMPLB का 87 दिन का प्रदर्शन, 1 करोड़ हस्ताक्षर कर PM को भेजे जाएंगे
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून के खिलाफ 11 अप्रैल से 7 जुलाई तक ‘वक्फ बचाओ अभियान’ चलाने का ऐलान किया है। इस दौरान 1 करोड़ लोगों से हस्ताक्षर कराए जाएंगे और प्रधानमंत्री को सौंपे जाएंगे। यह अभियान अब सियासी मोड़ भी ले सकता है।
वक्फ की परिभाषा: धर्म के नाम पर अचल संपत्ति का दान
‘वक्फ’ का मतलब है ऐसी संपत्ति जिसे कोई व्यक्ति धार्मिक उद्देश्य से ईश्वर के नाम पर दान करता है। इसे बेचा या दूसरे काम में नहीं लिया जा सकता। पैगंबर मोहम्मद के समय खजूर के बाग का पहला उदाहरण माना जाता है। भारत में वक्फ की संपत्ति को आमतौर पर ‘अल्लाह की संपत्ति’ कहा जाता है और इसका इस्तेमाल शिक्षा या स्वास्थ्य जैसे कार्यों में किया जाता है।
अब 5 मई को होगी अगली सुनवाई, तब तक यथास्थिति बनी रहेगी
17 अप्रैल को कोर्ट ने केंद्र को 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा था और तब तक वक्फ संपत्तियों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 70 याचिकाओं की जगह केवल 5 चुनिंदा याचिकाओं पर ही सुनवाई होगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।

- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि वक्फ धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि वैधानिक निकाय है।
- सरकार ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून से किसी की धार्मिक स्वतंत्रता नहीं छीनी जा रही।
- 2013 के बाद वक्फ संपत्ति में 21 लाख एकड़ की वृद्धि को लेकर सरकार ने चिंता जताई।
- सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून को लेकर देशभर में हुई हिंसा पर नाराजगी जताई।
- अगली सुनवाई 5 मई को होगी, कोर्ट ने फिलहाल वक्फ संपत्तियों पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।