पोप फ्रांसिस को उनके आखिरी अरमान के मुताबिक रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में दफनाया गया। दफनाने से पहले चर्च में एक छोटी सी प्रार्थना सभा रखी गई थी। इस पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलीकास्ट नहीं हुआ। फ्रांसिस हमेशा से सादगी के पक्षधर रहे, इसलिए उन्होंने खुद ये इच्छा जताई थी कि उन्हें एक आम सी जमीन पर साधारण कब्र में दफनाया जाए। उनकी कब्र पर सिर्फ एक शब्द लिखा गया है – Franciscus, जो उनके नाम का लैटिन रूप है।
चार किलोमीटर दूर चुना गया अंतिम विश्राम स्थल
जहां आमतौर पर पोप्स को वेटिकन सिटी में दफनाया जाता है, पोप फ्रांसिस ने इसके उलट करीब 4 किलोमीटर दूर स्थित सांता मारिया मैगियोरे चर्च को अपना अंतिम ठिकाना चुना। यही वो जगह है जहां वो अकसर प्रार्थना के लिए जाया करते थे। चर्च के अंदर एक बेहद सामान्य कब्र बनाई गई, जिसमें उन्हें दफनाया गया।
ढाई लाख लोगों ने नम आंखों से दी विदाई
सेंट पीटर्स स्क्वायर में पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार की रस्में दोपहर 1:30 बजे शुरू हुईं, जो करीब तीन घंटे तक चलीं। उनका शव सेंट पीटर्स बेसिलिका से स्क्वायर तक लाया गया था, जहां आम लोगों और खास मेहमानों के लिए अंतिम दर्शन की व्यवस्था थी। करीब ढाई लाख लोग इस ऐतिहासिक विदाई में शामिल हुए और अपने प्यारे धर्मगुरु को नम आंखों से विदाई दी।
दुनियाभर के बड़े नेता पहुंचे अंतिम दर्शन के लिए
पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के 170 देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसे बड़े नेता भी पोप के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। सबने मिलकर एक ऐसे इंसान को विदाई दी, जिसने पूरी जिंदगी प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
तीन दिन तक लोगों ने किए अंतिम दर्शन
पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में स्ट्रोक और हार्ट फेल होने से हुआ था। निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को तीन दिन तक सेंट पीटर्स बेसिलिका में रखा गया था, ताकि दुनिया भर से आए लोग उन्हें अंतिम बार देख सकें। लोगों की भावनाओं का आलम ये था कि बेसिलिका के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।

- पोप फ्रांसिस को रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में सादगी से दफनाया गया।
- उनकी कब्र पर केवल Franciscus लिखा गया है, जैसा उन्होंने इच्छा जताई थी।
- अंतिम संस्कार में ढाई लाख से ज्यादा लोग पहुंचे, जिनमें आम लोग और बड़े नेता शामिल रहे।
- 170 देशों के प्रतिनिधियों ने पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी।
- पोप का पार्थिव शरीर तीन दिन तक सेंट पीटर्स बेसिलिका में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।